चीन या अमेरिका, सबसे ज्यादा परमाणु हथियार किसके पास?
चीन या अमेरिका, सबसे ज्यादा परमाणु हथियार किसके पास? खुफिया रिपोर्ट से मची खलबली
China VS US Defense Power: अमेरिका खुफिया रिपोर्ट में चीन को US आर्मी के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है. आइए जान लेते हैं कि अमेरिकी मिलिट्री के लिए चीन क्यों सबसे बड़ा खतरा है? दोनों कितने शक्तिशाली हैं और किसके पास सबसे ज्यादा हाईटेक हथियार और साइबर सिक्योरिटी?
खुफिया एजेंसियों की एक हालिया रिपोर्ट ने अमेरिका के कान खड़े कर दिए हैं. इस रिपोर्ट में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीन को सबसे बड़ा और मजबूत सैन्य खतरा बताया गया है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी सरकार ही नहीं, वहां के निजी क्षेत्र और अहम बुनियादी ढांचा नेटवर्क के लिए भी चीन सबसे एक्टिव और सतत साइबर खतरा है. यह रिपोर्ट 25 मार्च, 2025 को वर्ष 2025 वार्षिक खतरा आकलन के तहत प्रकाशित की गई है.
आइए जान लेते हैं कि अमेरिकी मिलिट्री के लिए चीन क्यों सबसे बड़ा खतरा है? दोनों कितने शक्तिशाली हैं और किसके पास सबसे ज्यादा हाईटेक हथियार और साइबर सिक्योरिटी?
फायर पावर की लिस्ट में पहले स्थान पर अमेरिकाअंकल सैम यानी अमेरिका की बात करें तो ग्लोबल फायर पावर की साल 2025 की भी लिस्ट में वह पहले स्थान पर है. वहां की सेना में ड्यूटी पर तैनात सक्रिय सैनिकों की संख्या 1328000 बताई गई है. इसके अलावा रिजर्व सैनिकों का आंकड़ा 799500 है. ऐसे ही सैन्य गतिविधियों में लगे कुल विमानों की संख्या 13043 है तो एयरफोर्स के पास 1790 फाइटर एयरक्राफ्ट हैं. इनमें से डेडिकेटेड अटैक एयरक्राफ्ट 889 हैं. इनके अलावा 918 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हैं, 605 एरियल टैंकर एयरक्राफ्ट भी हैं. इसी तरह से अमेरिका के पास 5843 हेलीकॉप्टर हैं, जिनमें से अटैक हेलीकॉप्टरों की संख्या 1002 है.
थल सेना और नौसेना के पास इतना साज-ओ-सामानअमेरिका की थल सेना के पास 4640 और 391963 आर्मर्ड व्हीकल हैं. अंकल सैम की सेना 671 सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी लैस है. साथ ही 1212 टो आर्टिलरी हैं. 641 रॉकेट लॉन्चर भी अमेरिकी सेना की ताकत बढ़ाते हैं. नौसेना की बात करें तो अमेरिका के पास फ्लीट स्ट्रेंथ 440 है. नेवी में 11 एयरक्राफ्ट कैरियर और 9 हेलीकॉप्टर कैरियर हैं. 70 पनडुब्बियों और 81 विध्वंसक पोत से भी अमेरिकी नौसेना लैस हैं. अमेरिका की नौसेना के पास हालांकि, कोई फ्रिगेट नहीं है. 26 कॉर्वेट जरूर नौसेना का हिस्सा हैं. सबसे बड़ी बात तो यह है कि अमेरिका के पास 1670 से परमाणु हथियार तैनात स्थिति में हैं.
फायर पावर में चीन का दुनिया में तीसरा स्थानड्रैगन यानी चीन का फायर पावर में तीसरा स्थान है. चीन में सक्रिय सैनिकों का आंकड़ा 2035000 और रिजर्व सैनिकों की संख्या 510300 बताई जाती है. वहीं, चीन के पास 3309 विमान हैं, जिनमें से 1212 फाइटर प्लेन हैं. वायु सेना के पास अटैक विमानों की संख्या 371 और ट्रांसपोर्ट विमानों की संख्या 289 है. एरियल टैंकर एयरक्राफ्ट के मामले में चीन काफी पीछे है और इनकी संख्या केवल 10 है. चीन के पास 913 हेलीकॉप्टर हैं, जिनमें से 281 हमलावर हैं. टो आर्टिलरी के मामले में चीन का आंकड़ा 1000 है.
परमाणु हथियारों से चीन भी लैसअमेरिकी सेना के मुकाबले चीन के पास ज्यादा 6800 टैंक हैं. आर्मर्ड व्हीकल की संख्या 144017 है. चीनी सेना को 3490 सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी ताकत देती है. अमेरिका के मुकाबले चीन के पास ज्यादा 2750 रॉकेट लॉन्चर हैं. चीनी नौसेना का फ्लीट स्ट्रेंथ भी ज्यादा 754 है. हालांकि चीनी नेवी के पास तीन ही एयरक्राफ्ट कैरियर हैं और 4 हेलीकॉप्टर कैरियर हैं. इसके पास 61 पनडुब्बियां और 50 विध्वंसक हैं. चीन की नौसेना 47 फ्रिगेट से लैस है. इसके पास 72 कॉर्वेट भी हैं. चीन के पास परमाणु हथियारों की संख्या 410 है.
चीन के पास इतनी मिसाइलेंसाल 2023 में अमेरिकी संसद में बताया गया था कि चीन के पास 1000 से ज्यादा मध्य व अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें हैं. इससे पहले साल 2022 में अमेरिका का अनुमान था कि चीन के पास 750 से अधिक मिसाइलें हैं, जिन्हें अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर को ध्यान में रखकर चीन ने बनाया है. हालिया रिपोर्ट में चीन को इलीगल फेंटेनाइल के रसायनों और गोली बनाने वाले उपकरणों के स्रोत के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है.
साइबर पावर भी अमेरिका के लिए खतरनाकअमेरिका की 2025 की खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने जबरदस्त साइबर पावर का प्रदर्शन किया है. यह अमेरिका के इंफ्रास्ट्रक्चर को कमजोर करने में सक्षम है. दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति में ड्रैगन अपनी इस क्षमता का पूरा इस्तेमाल कर सकता है.