गौतमबुद्ध नगर में अपराधियों पर नकेल, 28 महीनों में 3932 को मिली सजा !

ऑपरेशन कन्विक्शन: गौतमबुद्ध नगर में अपराधियों पर नकेल, 28 महीनों में 3932 को मिली सजा; देखें आंकड़े

गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। प्राथमिकता यही रहेगी कि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिले। अपराधियों को उनके अपराध के अनुसार सजा मिले।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के अंतर्गत गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने हत्या, दुष्कर्म, पॉक्सो, दहेज हत्या, लूट, डकैती, अपहरण जैसे जघन्य अपराधों में 1 जनवरी 2023 से 10 अप्रैल-2025 (28 माह) में 3932 अपराधियों को सजा दिलाई है। इनमें 33 अपराधियों को आजीवन कारावास, 24 अपराधियों को 20 वर्ष का कारावास व 22 अपराधियों को 10 वर्ष का कारावास हुआ है। 

पुलिस की ओर से इस दौरान पॉक्सो एक्ट से संबंधित 83 मुकदमें, दुष्कर्म से संबंधित 10 मुकदमें, दहेज हत्या से संबंधित मुकदमें, अपहरण से संबंधित 20 मुकदमें, हत्या से संबंधित मुकदमें, डकैती से संबंधित मुकदमें, लूट से संबंधित 302 मुकदमें, गिरोहबंद अधिनियम से संबंधित 65 मुकदमें, चोरी से संबंधित 1120 मुकदमें, आर्म्स एक्ट से संबंधित 766 मुकदमें व अन्य मामले से जुड़े 1153 मुकदमें यानी कुल 3567 मुकदमें में 3932 अपराधियों को सजा दिलाई गई है। 

अपराधियों को उनके अपराध के अनुसार सजा मिले
गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। प्राथमिकता यही रहेगी कि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिले। अपराधियों को उनके अपराध के अनुसार सजा मिले। प्रभावी पुलिसिंग से न केवल अपराध पर अंकुश लगता है, बल्कि पीड़ितों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। समय पर सजा कराने के लिए पुलिस ने दर्ज मुकदमें में समयबद्ध जांच पूरी कर साक्ष्यों को मजबूती से कोर्ट में प्रस्तुत किया। इससे न सिर्फ पीड़ितों को समय पर न्याय मिला, बल्कि समाज में कानून व्यवस्था के प्रति भरोसा भी बढ़ा है।

क्या है ऑपरेशन कन्विक्शन
अपराध होने के बाद आरोपी के दोषी साबित होने और उसे सजा मिलने तक की प्रक्रिया बहुत लंबी है। कई केस में आरोपी सजा का एलान होने तक वह बुजुर्ग जाता है। कई बार समय पर पैरवी नहीं होने से अपराधी बच निकलते हैं। पीड़ित भी लंबे समय तक इंसाफ की आस में बैठा रहता है। समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ की शुरूआत की थी। इसमें दुष्कर्म, हत्या, लूट, डकैती सहित कई प्रमुख अपराधों का शामिल किया गया है। 
संबंधित मुकदमों की पहचान करने के बाद प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को समयबद्ध सजा दिलाना है। प्रत्येक जोन में जोनल पुलिस उपायुक्त के अधीन एक अभियोजन और मॉनिटरिंग सेल की स्थापना की गई है, जिन्हें अपने जोन के अन्तर्गत सभी अभियोगों की पैरवी के लिए उत्तरदायी बनाया गया है। थानास्तर पर प्रत्येक थाने में अभियोजन सेल का गठन किया गया है, जो प्रतिदिन गवाहों की उपस्थित, गवाहों के बयान कराए जाने के लिए उत्तरदायी है।

अभियोगवार आंकड़े

अपराध का प्रकार मुकदमें की संख्या
पॉक्सो एक्ट 83
दुष्कर्म 10
दहेज हत्या 4
अपहरण 20
हत्या 31
डकैती 13
लूट 302
गिरोह बंद अधिनियम 65
चोरी 1120
आर्म्स एक्ट 766
अन्य अपराध 1153
कुल 3567

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