गलवान में चीनी सैनिकों पर गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई: कैप्टन अमरिंदर
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को पूछा कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने जब भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया तो ‘चीनियों पर गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई . इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कोई अपना काम करने में नाकाम रहा.’ मुख्यमंत्री ने यहां एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘वे वहां बैठ कर क्या कर रहे थे जबकि उनके साथी मारे जा रहे थे.’ कैप्टन ने कहा कि अगर यूनिट के पास हथियार थे, जैसा कि अब दावा किया जा रहा है, तो यूनिट के उप कमांडर को उस वक्त गोली चलाने का आदेश देना चाहिये था जब कमांडिंग अधिकारी चीनियों के विश्वासघात के शिकार हुए.’’
‘अगर चीन विश्व शक्ति है, तो हम भी हैं’
कैप्टन ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भी उन्होंने कहा था कि ‘अगर वह हमारे एक सैनिक मारते हैं तो हमें उनके दो सैनिकों को मारना चाहिये .’ यह पूछे जाने पर कि चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध के दौरान लद्दाख में भारतीय सैनिकों पर हुए इस बर्बर हमले में, भारतीय सैनिकों को गोली चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कोई अपना काम करने में नाकाम रहा, और हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि वह कौन था.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं जानना चाहता हूं, प्रत्येक सैनिक जानना चाहता है और प्रत्येक भारतीय जानना चाहता है कि क्या हुआ .’ उन्होंने कहा कि वह इस घटना को बहुत गहराई से महसूस करते हैं, इस घटना ने हमारे खुफिया विभाग की विफलता को भी उजागर किया है.’ उन्होंने इस घटना को हर भारतीय का अपमान बताया . कैप्टन ने कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ वह मजाक नहीं था.
‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ के नारे को समाप्त करने की वकालत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को इस मसले पर पीछे नहीं हटना चाहिये.
उन्होंने कहा, ‘अगर चीन विश्व शक्ति है, तो हम भी हैं .’ उन्होंने जोर देकर कहा, ’60 साल की कूटनीति ने काम नहीं किया है और अब यह बताने का समय आ गया है कि बस, अब बहुत हो गया.’ उन्होंने कहा कि चीन इस बात से अवगत है कि हम उससे निपटने में सक्षम हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि भारतीय सेना एक उच्च पेशेवर सेना है और किसी भी दुश्मन से निपटने में सक्षम है.