विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की दोटूक, LAC पर टकराव के रहते चीन से सामान्‍य रिश्‍ते संभव नहीं

भारत और चीन के बीच लद्दाख में मौजूदा तनाव के बीच शुक्रवार को भारत के विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं होगा और जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन नहीं होता, तब तक द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य तरीके से कामकाज नहीं हो सकता है. श्रृंगला ने यह भी कहा कि ये जरूरी है कि इस संकट के मुश्किल समय में भी भारत, चीन के साथ संवाद और संपर्क बनाए हुए है.

इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA) के एक वेबिनार में श्रृंगला ने कहा, “महामारी हमें संपर्क बनाए रखने से नहीं रोक सकी. हमने डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल किया, हमने टेलीफोन का इस्तेमाल किया, हमने नई दिल्ली और बीजिंग के बीच सीधे राजनयिक संपर्कों का इस्तेमाल किया और हम एक दूसरे से इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं.”

दशकों में सामने आने वाली सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक

उन्होंने आगे कहा, “हम अपनी क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता की रक्षा के लिए मजबूती के साथ प्रतिबद्ध हैं और इससे हरगिज डिगेंगे नहीं. हम मजबूत और संकल्पबद्ध रहेंगे. इसके साथ ही हम लंबित मुद्दों का बातचीत से समाधान निकालने के लिए तैयार हैं.” कोविड-19 महामारी के बीच भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर उन्होंने LAC के तनावपूर्ण हालात का भी जिक्र किया.

विदेश सचिव ने कहा, “ये कई दशकों में सामने आई सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है, जिसका हम सामना कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि पिछले 40 वर्षों में हमने सीमा पर कोई जान नहीं गंवाई, हमने हाल के वर्षो में इतनी बड़ी संख्या में बलों के जमावड़े को नहीं देखा, हमें इस पर ध्यान देना होगा.” उनका संदर्भ गलवान में 15 जून को हुई हिंसक झड़प से था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.

जब तक अमन चैन नहीं, तब तक सामान्य कामकाज नहीं

एक सवाल के जवाब में श्रृंगला ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर अभूतपूर्व हालात हैं जो 1962 से नहीं देखे गए थे. उन्होंने कहा, “हमने यह भी देखा है कि जमीनी हालात को बदलने के प्रयासों के तहत एकपक्षीय कार्रवाई के प्रयास भी किए गए हैं. मैंने ये भी कहा है कि हम इसे रोकने के लिए संकल्पित रहेंगे. जहां तक हमारी बात है, हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं होगा.”

श्रृंगला ने यह भी कहा कि एक जिम्मेदार राष्ट्र के तौर पर भारत हमेशा बातचीत को तैयार है. उन्होंने कहा, “हमारे वरिष्ठ कमांडर बातचीत कर रहे हैं, बीजिंग और नई दिल्ली में राजनयिक बातचीत कर रहे हैं.” हालांकि उन्होंने कहा कि जब तक हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन कायम नहीं हो जाता, तब तक सामान्य कामकाज नहीं हो सकता और ऐसे में भारत और चीन के बीच सामान्य द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होंगे. श्रृंगला ने कहा, “सीमा पर जो हो रहा है और हमारे व्यापक संबंध, दोनों के बीच कड़ी जुड़ी है और यह तथ्य बिल्कुल जाहिर है.”

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