भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए रूस ने तैयार की ज़मीन, कहा-विवाद जल्द खत्म होने का भरोसा
भारत और चीन (India-China) के विवाद में हस्तक्षेप नहीं करने की बात कहने के बाद अब रूस ने एक बार फिर से इसके लिए ग्राउंडवर्क करना शुरू कर दिया है. रूस ने मंगलवार को कहा कि शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) सदस्य देशों के विश्वास को बढ़ावा देने के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया करा सकता है.
10 सितंबर को मॉस्को में विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले रूस के मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि रूस भारत-चीन के बीच बातचीत के हर-एक प्रयास को प्रोत्साहित करेगा, जिससे कि दोनों देशों के बीच तनाव को खत्म किया जा सके.
गलवान में हुए खूनी संघर्ष के बाद ये पहली बार है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके समकक्ष वांग यी प्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे से मुलाकात करेंगे. पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने की लगातार हो रही कोशिशों के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की ये वार्ता होनी है.
आपसी सहयोग को बढ़ावा देता है SCO
बाबुश्किन ने मीडिया से बातचीत में कहा की SCO चार्टर ये नहीं कहता है कि दो सदस्य देश किसी विवाद में शामिल रहें, लेकिन ये आपसी विश्वास, सहयोग को बढ़ाने, समान हित और अन्य सदस्य देशों के बीच बातचीत का अवसर मुहैया कराता है.
हम एससीओ (SCO) के तहत कई सारे अवसरों के गवाह रहे हैं, हाल ही में चीन और रूस दोनों के रक्षा मंत्री आपस में मिले हैं और अव विदेश मंत्री मिलने वाले हैं. उन्होंने कहा कि रूस को ये भरोसा है कि दोनों पक्ष बातचीत के ज़रिए विवाद को सुलझाने का रास्ता निकाल लेंगे.
हम हर उस कोशिश को प्रोत्साहन देंगे जिससे गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश कर सके. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमें ये भी उम्मीद है कि भारत, पाकिस्तान के साथ भी SCO के जरिए ऐसे रास्ते तलाशेगा जिससे दोनों देशों के बीच तनाव कम हो. हालांकि आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक शाह महमूद कुरैशी के साथ भारत की बातचीत का कोई शेड्यूल तय नहीं है.