कोरोना काल में राजनैतिक आयोजन पर सख्त HC, कहा- गाइडलाइन का पालन कराने में असफल प्रशासन

ग्वालियर: कोरोना काल में राजनैतिक आयोजनों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर शनिवार को फिर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट आयोजनों को लेकर सख्त नजर आया. अदालत ने कहा कि  जिला प्रशासन राजनैतिक नहीं रोक पा रहा है. भीड़ और राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन  कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने में असफल साबित हुआ है.

दरअसल आज मामले की सुनवाई के दौरान 5 जिलों के कलेटर एसपी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा था. इस दौरान कोर्ट ने जिला प्रशासन को हर हाल में कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसे आयोजनों में 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ देखकर फोटो के साथ एफआईआर करा सकता है.

आपको बता दें कि हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में जनहित याचिका दाखिल कर राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में कोरोना का हवाला देकर कार्यक्रमों पर सवाल उठाए थे, पूछा गया था कि कोरोना काल में कार्यक्रम अनुमति कैसे दी गई. इसी याचिका पर कोर्ट ने कलेक्टर और एसपी  से जवाब मांगा था. साथ ही हाईकोर्ट की डबल ने तीन सीनियर एडवोकेट को न्याय मित्र बना दिया था. जिन्होनें बीते सप्ताह अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. जिसमें उन्होनें कहा था कि राजनीतिक कार्यक्रमों में कोरोना की गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है, सैनिटाइजेशन भी नहीं हो रहा है, गाइड लाइन का उल्लंघन साफ दिखाई दे रहा है.

तीन सीनियर एडवोकेट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गाइड लाइन के उल्लंघन के मामले में प्रशासन ने अब तक केवल आमजन पर ही केस दर्ज किए हैं. इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है, बड़े लोगों के खिलाफ अब तक कोई केस दर्ज नहीं हुआ है, जिसके बाद कोर्ट में इसी रिपोर्ट पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी कलेक्टर्स से कोरोना पर हुई कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट तलब की है.

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