सिंधिया ही नही बल्कि बीजेपी में जाकर मंत्री बनने वाले नेताओं की साख भी दांव पर

ग्वालियर: चंबल संभाग के जिन 16 सीटों पर उपचुनाव होने हैं उन पर बीजेपी के राज्यसभा सदस्य  ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर तमाम बड़े बीजेपी नेता जैसे प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा,केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की प्रतिष्ठा ही दांव पर नही है बल्कि 16 में से जिन 7 नेताओं को मंत्री बनाया गया है उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर है. 2018 के चुनाव में इन मंत्रियों ने बीजेपी के दिग्गज नेताओं को पटखनी देते हुए विजय हासिल की थी.

दाव सांख पर
वर्तमान में जिन 7 लोगों को मंत्री बनाया गया है उनमें से पहले केवल 3 लोग ही मंत्री थे सत्ता परिवर्तन के बाद चार और लोगों को इस अंचल से मंत्री बनाया गया है. इसलिए इनकी प्रतिष्ठा दावं पर लगी हुई है.  इस बारे में बीजेपी के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना हैं कि यह केवल मंत्रियों की अग्नि परीक्षा नहीं बल्कि बीजेपी के एक-एक कार्यकर्ता की अग्निपरीक्षा है क्योंकि बीजेपी में व्यक्तिगत कुछ नहीं होता है जो होता है सामूहिक होता है.

जनता को लुभाया जा सके:- कांग्रेस
वही इस बारे में कांग्रेस के प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना हैं कि जिस तरीके से इन लोगो द्वारा अपने निजी स्वार्थ के चलते पैसे लेकर सरकार को गिराया गया इस बात को जनता भली-भांति जानती है और इसी के चलते जनता में भारी आक्रोश है. यही कारण हैं कि 7 लोगों को इस अंचल से मंत्री बनाया गया है ताकि जनता को रिझाया जा सके.

बीजेपी में जाने के बाद यह बनें मंत्री
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार में इस अंचल से ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युमन सिंह तोमर और इमरती देवी मंत्री थी लेकिन बाद में जब सत्ता परिवर्तन हुआ तो इन तीन लोगों के अलावा ऐदल सिंह कंसाना, ओ पी एस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया और सुरेश राठखेड़ा को भी मंत्री बनाया गया है.

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