शहर में फिर खपाया जा रहा 8000 किलो से अधिक मिलावटी मावा ..?
मोर बाजार के साथ-साथ दूसरे शहरों में भी भेजी जा रही खेप
शहर में फिर खपाया जा रहा 8000 किलो से अधिक मिलावटी मावा
खाद्य विभाग नहीं कर रहा जांच-पड़ताल
ग्वालियर त्योहारी सीजन के बाद अब सहालग का सीजन शुरू हो चुका है। सहालग के सीजन में मिठाईयों की मांग काफी अधिक बढ़ जाती है यही कारण है कि मिलावटी मावा बेचने वाले लोग भी अब सक्रिय हो चुके हैं। मुरैना, भिंड और धौलपुर की ओर से हर रोज मिलावटी मावे की खेप ग्वालियर आ रही है। डलियों में पैक करके ये मावा शहर के मोर बाजार सहित प्रदेश के दूसरे शहरों में निजी गाड़ियों और ट्रेन के जरिए सप्लाई हो रहा है। शहर से रोजाना करीब 5 हजार किलो (100 डलिया) से अधिक मावा बाहर भेजा जा रहा है, वहीं 8000 किलो मावा शहर में ही खपाया जा रहा है। इसमें मीठा मावा कुंदा, मलाई बर्फी, मिल्क केक, डोड़ा बर्फी भी शामिल हैं। त्योहारों के बाद अब सहालग सीजन में भी मिलावटी मावा बेचा जा रहा है और खाद्य विभाग का अमला नदारद है। इस तरह के मिलावटी मावे की जांच और सैंपलिंग के लिए कोई जांच-पड़ताल नहीं की जा रही है।
मिलावटी मावे को लेकर समय-समय पर कार्रवाई करते रहते हैं। ये बात सही है कि त्योहारों के बाद सहालग के सीजन में इस तरह के मिलावटी मावे की बिक्री होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए जल्द ही सैंपलिंग की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीमों को निर्देश दिए जाएंगे।
सिंह चौहान, अभिहित अधिकारी, खाद्य एवं सुरक्षा प्रशासन विभाग
सहालग में काफी बढ़ जाती है मांग
आमतौर पर सहालग के समय मावे की बिक्री काफी बढ़ जाती है। इस वजह से इन दिनों में ऐसे मिलावटी मावे को खपाया जाता है। शादी-विवाह के दौरान कोई इस पर ध्यान भी नहीं देता ऐसे में अच्छे मावे की आड़ में मिलावटी मावा भी चला दिया जाता है। दीपावली पर्व से पूर्व फूड विभाग के अमले ने मोर बाजार की कुछ दुकानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की थी।