ग्वालियर : 426 तलघर पार्किंग के लिए किए थे चिह्नित, पर वाहन खड़े नहीं करवा पाए

अधिकतर तलघरों का हो रहा व्यावसायिक उपयोग
426 तलघर पार्किंग के लिए किए थे चिह्नित, पर वाहन खड़े नहीं करवा पाए
शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए प्लान तो बने, लेकिन ठीक से अमल नहीं हुआ
ग्वालियर  शहर में यातायात को सुगम बनाने के लिए सड़कों पर खड़े होने वाले वाहनों को तलघरों में पार्क करवाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने 426 तलघर चिह्नित किए थे। ताकि दुकानों या व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स के बाहर सड़कों को खाली रखा जा सके। वर्ष-2020 में जारी इस आदेश के बाद तत्कालीन नगर निगम आयुक्त ने जून-2020 में सभी तलघरों को पार्किंग के लिए खाली रखने के निर्देश दिए थे। इसके बाद लश्कर के कुछ क्षेत्रों में कार्रवाई भी की गई। लेकिन फिर कार्रवाई न होने से अब तीनों उपनगरों में पार्किंग के लिए बने तलघरों का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है।

यातायात को व्यवस्थित रखने के लिए छह महीने से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें जून में शहर के तीस मुख्य मार्गों को यातायात के लिए मुक्त रखने का प्लान बना था। इसके साथ ही यह भी तय किया गया था कि तलघरों में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाकर पार्किंग कराई जाएगी। जितने भी टू लेन रोड हैं, उनके आसपास के सभी कॉम्प्लेक्स के तलघरों को हर हाल में पार्किंग के लिए मुक्त कराया जाएगा। जबकि फोरलेन सड़कों के आसपास के व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स और इमारतों के तलघरों को संबंधित परिसरों के वाहनों को खड़ा करने के लिए खुलवाया जाएगा, ताकि किसी भी जगह वाहन सड़क पर खड़े न दिखें। निगम अधिकारियों ने यातायात को बेहतर करने की इस प्लानिंग को सिरे से नकार दिया है।

बसों के खड़े होने पर भी होनी थी कार्रवाई

शहर के सेवानगर, गोविंदपुरी, चेतकपुरी, बसंत विहार, थाटीपुर, तानसेन रोड, बिरलानगर रोड, गदाईपुरा सहित अन्य मुख्य मार्गों के किनारे रात में निजी बसें खड़ी रहती हैं। बस ऑपरेटर्स ने पार्किंग शुल्क से बचने के लिए अवैध अस्थाई पार्किंग बना ली हैं। अवैध तरीके से खड़ी होने वाली इन बसों पर भी कार्रवाई होनी थी। यह कार्रवाई परिवहन, पुलिस, यातायात और नगर निगम को संयुक्त रूप से करनी थी। प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री के शहर में हुए दौरे के समय ही इन बसों को हटाया गया था। सामान्य स्थिति में किसी भी विभाग ने यह कार्रवाई नहीं की है।

हॉकर्स जोन शिफ्ट नहीं किए फुटपाथी दुकानदार

महाराज बाड़ा सहित आसपास के बाजारों में फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले 325 छोटे व्यवसाइयों को चिह्नित कर हॉकर्स जोन में शिफ्ट करने की योजना तैयार की गई थी। फुटपाथ व्यवसाई प्रतिनिधियों ने भी हॉकर्स जोन में जाने पर सहमति जता दी थी। ये सभी कंपू, एसएएफ पेट्राल पंप और गोल पहाड़िया हॉकर्स जोन में जाने को तैयार हो गए थे। लेकिन बाद में नगर निगम के अधिकारियों की शह और नेताओं का अपरोक्ष सपोर्ट मिलने से हॉकर्स जोन में शिफ्टिंग नहीं हुई। अब हर शाम नगर निगम का मदाखलत दस्ता सामान उठाने की औपचारिकता करता है और हर दिन ये दुकानें फिर लग जाती हैं।

यह थे निर्देश

●सभी तलघरों के व्यावसायिक उपयोग को खत्म कर पार्किंग के लिए तैयार कराया जाएगा। निगम अधिकारियों ने इस निर्देश का पालन नहीं कराया।

●भवन स्वामियों से तलघरों का व्यावसायिक उपयोग न करने से संबंधित शपथ पत्र लिया जाना था। नगर निगम और राजस्व के अधिकारियों ने यह शपथ पत्र नहीं लिए।

●जिन भवन स्वामियों द्वारा शपथ पत्र देने के बाद भी तलघरों में व्यावसायिक गतिविधि कराई जा रही हैं, उन्हें तोड़ा जाना था। इस तरह की कार्रवाई जिन एक-दो जगह पर हुई, वह भी आरोपों में रही है।

लियर.

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