MLA पुत्र की जल्द होंगी संपत्ति कुर्क दुष्कर्म में फरार आरोपी को 28 सितंबर तक कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश,उपस्थित नहीं होने पर संपत्ति कुर्क

  • MLA पुत्र की जल्द होंगी संपत्ति कुर्क
  • न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर की जाएगी उसकी संपत्ति कुर्क

दुष्कर्म के मामले में लंबे समय से फरार कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल की मुश्किल बढ़ सकती है। जिला कोर्ट द्वारा मंगलवार को गिरफ्तारी वारंट होने के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। जिसके बाद न्यायालय द्वारा करण मोरवाल की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय द्वारा 28 सितंबर तक यदि दुष्कर्म का आरोपी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ, तो उसकी संपत्ति को जल्द कुर्क कर दिया जाएगा।

कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल पर दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद से ही आरोपी की धरपकड़ के लिए पुलिस उसे पकड़ने के लिए दबिश दे रही है । वहीं पीड़िता को अज्ञात बदमाशों से धमकी मिली थी है। करण की जमानत पर आपत्ति लेने पर महिला को जलाने की धमकी दी गई। महिला थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों पर प्रकरण दर्ज कर लिया है। टीम ने करण की तलाश में उसके घर और गार्डन पर छापे भी मारे हैं।

लेकिन पुलिस को कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल पर पुलिस ने 5000 का इनाम घोषित हो चुका है। 4 महीने पहले विधायक के बेटे पर दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। लेकिन विधायक पुत्र अब तक पुलिस गिरफ्त से दूर है।

पिछले साल दिसंबर में करण के संपर्क में आई थी महिला

थाना प्रभारी ज्योति शर्मा के मुताबिक, कैंट रोड पर पिछले साल दिसंबर में वह करण के संपर्क में आई थी। इसी दौरान दोनों की दोस्ती हुई। धीरे-धीरे वॉट्सऐप और मोबाइल पर बातें होने लगीं। युवती के अनुसार कई बार आरोपित करण मोरवाल उससे मिलने इंदौर भी आया। इसके बाद इंदौर बायपास स्थित होटल में उसे प्रपोज किया और शादी करने का झांसा देकर उसे नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म किया था।

कोर्ट के आदेश की कॉपी
कोर्ट के आदेश की कॉपी

अग्रिम जमानत खारिज

12 जुलाई को जिला कोर्ट ने करण मोरवाल की अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई थी। आरोपी करण मोरवाल ने अग्रिम जमानत के कुछ साक्ष्य पेश किए गए थे, जिसमें घटना के समय आरोपी ने स्वयं को किसी अस्पताल में भर्ती होना बताया। इसके आधार पर वह जमानत चाह रहा था, लेकिन पीड़िता ने कॉल रिकॉर्डिंग, वॉट्सऐप चैटिंग जैसे कुछ साक्ष्य पेश किए। जिला कोर्ट द्वारा आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। पीड़िता का आरोप है कि FIR दर्ज होने के 100 दिन बाद भी अब तक पुलिस आरोपी करण को नहीं पकड़ पाई है।

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