कोरोना गाइडलाइंस का पालन न करने पर नरेंद्र सिंह तोमर और कमलनाथ पर FIR दर्ज करने का आदेश

मध्य प्रदेश में तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान चुनाव सभाओं में कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने मंगलवार को केंद्री मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर FIR दर्ज करने के अंतरिम आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने ‘फिजिकल’ चुनाव सभाओं पर रोक लगाते हुए केवल ‘वर्चुअल’ सभा करने के लिए कहा है और इसकी जिम्मेदारी संबंधित कलेक्टरों के साथ-साथ चुनाव आयोग को सौंपी गई है.

जस्टिस शील नागू और जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की कपल बेंच ने आशीष प्रताप सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी. याचिकाकर्ता के वकील सुरेश अग्रवाल ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने नौ जिलों के कलेक्टरों को कई बार कोरोना के दिशानिर्देशों के अनुरूप चुनाव सभाओं के लिए आदेश दिए, लेकिन हमेशा इसका पालन नहीं हुआ.

फिजिकल चुनाव सभाओं के लिए कलेक्टर से लेनी होगी अनुमति

इस वजह से अब हाईकोर्ट ने सभी फिजिकल चुनाव सभाओं पर रोक लगाई है और केवल वर्चुअल सभाएं करने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रत्याशी को चुनाव सभा आयोजित करनी है, तो उसे कलेक्टर के यहां आवेदन करके यह बताना होगा कि वर्चुअल सभा में क्या परेशानी है. इस आवेदन पर यदि कलेक्टर संतुष्ट होते हैं तो उसे चुनाव आयोग के पास यह आवेदन आगे भेजना होगा.

अग्रवाल ने बताया कि इसके साथ प्रत्याशी को Covid-19 के दिशानिर्देशों के तहत, जितने लोगों की अनुमति सभा के लिए यदि प्रत्याशी को मिलती है, तो उसे कलेक्टर के पास मास्क और सेनिटाइजर के लिए दोगुनी राशि जमा करानी होगी और जितने लोगों को सभा में बुलाया जा रहा है, उन्हें मास्क और सेनिटाइजर देकर शामिल होने दिया जा रहा है तथा सभा में सोशल डिस्टेंस सही तरीके से रखा जा रहा है. प्रत्याशी को इस आशय का एक हलफनामा भी देना होगा, तभी उसे फिजिकल चुनाव रैली की अनुमति मिलेगी.

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