बिहार: नीतीश कुमार 16 नवंबर को ले सकते हैं सीएम पद की शपथ, कैबिनेट को लेकर जेडीयू-बीजेपी में चर्चा
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन की जीत (Bihar Election Results 2020) के बाद अब चर्चा शपथ ग्रहण की है. जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार 16 नवंबर को फिर से बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ (Nitish Kumar Oath) ले सकते हैं. यह सीएम के रूप में उनकी सातवीं शपथ होगी और सीएम के रूप में चौथे कार्यकाल की शुरुआत.
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) के नेता इससे जुड़ी तैयारियों में जुटे हैं. खबर के मुताबिक, दोनों पार्टियां इस बात पर चर्चा कर रही हैं कि कब गवर्नर से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करना है.
नीतीश कुमार ही बनेंगे बिहार के सीएम
243 सीटों में से एनडीए ने 125 सीटों पर जीत प्राप्त की है. चुनाव में नीतीश की जनता दल यूनाइडेट ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. विकासशील पार्टी और जीतन राम मांझी भी इस गठबंधन का हिस्सा थे. गठबंधन में वैसे बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. तमाम अटकलों के बीच बीजेपी ने नीतीश को ही सीएम पद पर बैठाने का ऐलान किया है.
श्रीकृष्ण सिंह रहे सबसे लंबे वक्त तक बिहार के मुख्यमंत्री
बिहार में अभी तक सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर है जो इस पद पर 17 वर्ष 52 दिन तक रहे थे. नीतीश कुमार इस पद पर अभी तक 14 वर्ष 82 दिन तक रह चुके हैं. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कुमार का नाम पिछले दो दशकों में सात बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की विशिष्ट श्रेणी में आ जाएगा. उन्होंने सबसे पहली बार साल 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन बहुमत के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन नहीं मिलने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. साल 2005 में राजग को पूर्ण बहुमत मिलने पर कुमार मुख्यमंत्री बने.
साल 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन को देखते हुए नैतिक आधार पर कुमार ने मुख्यमंत्री पद त्याग दिया था. हालांकि एक वर्ष से भी कम समय में वह सत्ता में वापस लौटे. साल 2015 में नीतीश कुमार के जदयू और लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसे जीत हासिल हुई थी. हालांकि, तब तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम धनशोधन के मामले में सामने आने पर उन्होंने जुलाई 2017 में इस्तीफा दे दिया था. कुमार ने हालांकि अगले दिन ही भाजपा के सहयोग से नई सरकार बना ली थी.