IRCTC घोटाले में घिर सकते हैं तेजस्वी यादव …?

2019 से हैं जमानत पर, नौकरी के बदले जमीन मामले में भी बढ़ सकती है मुश्किल…

तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी CM बन चुके हैं। इस बीच बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि IRCTC घोटाले में CBI अपनी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। केस कोर्ट में ट्रायल की प्रक्रिया में है। इतने पुख्ता सबूत हैं कि इस ट्रायल का परिणाम उनके जेल जाने का हो सकता है। BJP नेता के इस बयान के बाद CBI-ED के बिहार में छापे और पूछताछ के कयास लगने लगे हैं। ….

आपको बताने जा रहा है कि और कौन से मामले हैं जो आने वाले दिनों में उठ सकते हैं…

2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे के मुताबिक, तेजस्वी यादव पर कुल 11 केस दर्ज हैं। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी जैसे 7 क्रिमिनल केस हैं। क्रिमिनल केस के अलावा तेजस्वी पर चार सिविल केस भी चल रहे हैं।

IRCTC मामले में लालू परिवार से जुड़े कई ठिकानों पर CBI रेड कर चुकी है। (फाइल)
IRCTC मामले में लालू परिवार से जुड़े कई ठिकानों पर CBI रेड कर चुकी है। (फाइल)

धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र का चल रहा है मामला

तेजस्वी यादव पर 420 यानी धोखाधड़ी और IPC की धारा 120B यानी आपराधिक षड्यंत्र के तहत भी मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा उन पर IRCTC घोटाले से जुड़ा बड़े भ्रष्टाचार का मामल दर्ज है। IRCTC टेंडर घोटाला मामले में तेजस्वी समेत अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

IRCTC मामले में हो सकती है 7 साल की सजा

इन धाराओं में तेजस्वी के लिए आगे काफी मुश्किल खड़ी हो सकती है। ट्रायल के दौरान अगर CBI पर्याप्त सबूत और गवाह प्रस्तुत कर देती है तो आरोपी को 7 साल तक की सजा हो सकती है। फिलहाल 2019 से वे इस मामले में जमानत पर चल रहे हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें और राबड़ी देवी को जमानत दे दी थी।

तेजस्वी का खुला चैलेंज- CBI मेरे घर में दफ्तर खोल ले

वहीं, एक तरफ विपक्ष जहां इस मुद्दे को उठाकर प्रेशर पॉलिटिक्स करना चाह रहा है, वहीं तेजस्वी इस मामले में पूरी तरह निश्चिंत दिखाई दे रहे हैं। CBI से डरने के एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘जब मुझे मूंछ भी नहीं आई थी तब मेरे खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था। अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पाई। CBI और ED को न्योता देते हैं कि आओ हमारे घर में दफ्तर खोल लो।

क्या 9 राज्यों की तरह बिहार में CBI को रोका जाएगा?

इस बीच चर्चा इस बात की भी हो रही है कि बिहार सरकार देश के 9 राज्यों की तरह यहां भी CBI पर रोक लगा सकती है। राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, मेघालय और मिजोरम की गैर भाजपा सरकारों ने एक के बाद एक अपने प्रदेश में CBI की एंट्री पर रोक लगा दी है।

मतलब बिना राज्य सरकार की इजाजत के CBI राज्य में जांच पड़ताल नहीं कर सकती। हालांकि, बिहार में ऐसा करने के बाद भी तेजस्वी यादव को इस मामले में राहत नहीं मिल सकती है। नियम के मुताबिक पहले से रजिस्टर्ड मामले में CBI किसी से भी पूछताछ कर सकती है।सिर्फ नए मामले में पूछताछ के लिए उन्हें राज्य सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी।

नौकरी के बदले जमीन मामले में भी बढ़ सकती है लालू परिवार की मुश्किल

IRCTC मामले के अलावा नौकरी के बदले जमीन मामले में भी लालू यादव परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती है। इस मामले में फिलहाल CBI लालू यादव के सबसे करीबी भोला यादव से पूछतााछ कर रही है। CBI ने कोर्ट में कहा है कि 1450 एप्लिकेशन हाथ लगे हैं, जो रेलवे के अन्य अधिकारियों के अलावा सीधे रेल मंत्री और जोनल GM को भेजे गए हैं।

नौकरी के बदले जमीन मामले में CBI पहले ही लालू से जुड़े सभी करीबियों के घरों में रेड मार चुकी है। दो महीने पहले हुए रेड में CBI तेजस्वी के कमरे से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने हाथ लगने का दावा पहले ही कर चुकी है।

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