चुनाव और कुंभ बने कोरोना स्प्रेडर?:WHO ने कहा- भारत में कई धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों की वजह से भी संक्रमण फैला

फोटो अप्रैल में हुए बंगाल चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में जुटी भीड़ की है। चुनाव में लापरवाही को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई थी।

देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने की प्रमुख वजहों में पिछले महीने हुए चुनाव और कुंभ भी हैं। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट से भी साबित हो गई है। कोरोना को लेकर WHO की तरफ से बुधवार को जारी अपडेट में कहा गया है कि भारत में कोरोना संक्रमण बढ़ने के पीछे कई संभावित वजह हैं।

हालांकि, WHO ने किसी इवेंट का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि कई धार्मिक और राजनीतिक इवेंट्स में भारी भीड़ जुटना भी संक्रमण बढ़ने की वजहों में शामिल हैं। इन इवेंट्स में कोताही बरती गई। WHO ने यह भी कहा है कि संक्रमण बढ़ने में इन फैक्टर्स की कितनी भूमिका रही, इस बारे में स्थिति साफ नहीं है।

WHO का कहना है कि भारत में कोरोना का B.1.617 वैरिएंट पहली बार अक्टूबर 2020 में सामने आया था। यहां कोरोना के मामलों और मौतों में दोबारा बढ़ोतरी से B.1.617 और B.1.1.7 जैसे कुछ दूसरे वैरिएंट्स को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के वीकली अपडेट में कहा गया है कि भारत के कोरोना पॉजिटिव सैंपल्स में से 0.1% को ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लूएन्जा डेटा (GISAID) पर सीक्वेंस किया गया था। ताकि कोरोना वैरिएंट्स का पता लगाया जा सके। इसमें सामने आया कि B.1.1.7 और B.1.612 जैसे कई वैरिएंट्स की वजह से भारत में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई।

कोरोना के B.1.617 वैरिएंट की ग्रोथ ज्यादा
WHO के मुताबिक अप्रैल के आखिर तक भारत में कोरोना के 21% केसों में B.1.617.1 वैरिएंट और 7% में B.1.617.2 पाया गया। यह बात भी सामने आई कि दूसरे वैरिएंट्स के मुकाबले इन दोनों वैरिएंट्स की ग्रोथ रेट काफी ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत के बाद B.1.617 के सबसे ज्यादा मामले ब्रिटेन में आए हैं।

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