बर्थडे विशेष : 2012 तक रंजन गोगोई के पास नहीं थी अपनी कार, अब पूर्व CJI को मिलती है इतनी पेंशन

राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद रंजन गोगोई ने एक आरटीआई में बताया कि वेतन और भत्ते का लाभ नहीं ले रहे हैं, जिसका वे राज्यसभा के सदस्य के रूप में हकदार हैं.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास साल 2012 तक न तो कोई कार थी और न ही फ्लैट. यहां तक कि उनके नाम से कोई बिल्डिंग भी नहीं थी और न ही उनके नाम से कोई लोन. यह आंकड़ा तब का है जब वे 2018 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए. रिटायरमेंट के बाद रंजन गोगोई राज्यसभा के सदस्य मनोनीत हुए हैं लेकिन वे कोई भत्ते नहीं लेते. एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, रंजन गोगोई राज्यसभा के ऐसे सदस्य हैं जो बतौर सदस्य के रूप में वेतन या भत्ता नहीं लेते हैं. उनकी बतौर मुख्य न्यायाधीश पेंशन राशि 82,301 रुपये प्रतिमाह है, जिसे वे हर महीने पाते हैं.

साल 2018 की शुरुआत में सीजेआई के रूप में पदभार संभालने से पहले रंजन गोगोई ने अपनी संपत्ति की घोषणा को अपडेट किया जिसकी जानकारी मूल रूप से 2012 में दर्ज कराई गई थी. इसमें गुवाहाटी में 65 लाख रुपये मूल्य की जमीन की बिक्री का रिकॉर्ड शामिल था और इस पर एक प्रतिशत कर कटौती की गई थी. प्रॉपर्टी के बारे में रंजन गोगोई ने जानकारी दी थी कि 1999 में उन्होंने गुवाहाटी के बेलटोला में 1.10 लाख रुपये में 1 कट्ठा 10 लेस्सा जमीन खरीदी. 2012 में इसकी मार्केट वैल्यू 10 लाख रुपये के आसपास थी. शेयर और म्युचुअल फंड में कोई निवेश नहीं था.

2012 में दी गई जानकारी के मुताबिक रंजन गोगोई का साढ़े पांच लाख रुपया गुवाहाटी हाईकोर्ट ब्रांच में जमा है. स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, हाईकोर्ट ब्रांच, चंडीगढ़ में 1 लाख रुपया जमा है. रंजन गोगोई ने फिक्स डिपॉजिट के नाम पर 16 लाख रुपये जमा पूंजी बताई थी. साल 1999 में 5 लाख रुपये की एलआईसी पॉलिसी ली गई. जूलरी, गाड़ी, लोन, मोर्गेज, ओवरड्राफ्ट, बकाया या अन्य देनदारियों नहीं हैं.

राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद रंजन गोगोई ने एक आरटीआई में बताया कि वेतन और भत्ते (यात्रा भत्ते और आवास को छोड़कर) का लाभ नहीं ले रहे हैं, जिसका वे राज्यसभा के सदस्य के रूप में हकदार हैं. इसके बजाए, वे भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के रूप में दी जा रही सेवानिवृत्ति की सुविधाओं का लाभ उठाते हैं. उनकी बतौर चीफ जस्टिस पेंशन राशि 82,301 रुपये हर महीने है. मार्च 2020 में भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया था.

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