यूपी: 11 जिलों से होकर गुजरेगा 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके अन्तर्गत गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के जनपदवार संरेखण को स्वीकृति के साथ परियोजना की अनुमानित लागत 36,402 करोड़ रुपये पर भी सैद्धान्तिक अनुमति दी गई है. यूपी सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है.
सीएम ऑफिस ने ट्वीट करके बताया कि ‘परियोजना के लिए ग्राम सभा के स्वामित्व की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने, परियोजना हेतु भूमि क्रय/अधिग्रहण के लिए, वार्षिक बजट, हडको से उनकी शर्तों के अधीन लिए जाने वाले ऋण हेतु प्रस्तावित प्रक्रिया, परियोजना हेतु अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मॉनिटाइजेशन की प्रस्तावित प्रक्रिया, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मोनिटाइेजशन के लिए टोल, ऑपरेट एवं ट्रांसफर पद्धति अपनाए जाने हेतु तकनीकी परामर्शी चयनित करने के लिए प्रस्तावित प्रक्रिया को भी स्वीकृति प्रदान की गई है.’
एनएच334 पर बिजली ग्राम के पास से होगा शुरू
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 334) पर बिजली ग्राम के पास से शुरू होगा और प्रयागराज जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो पर जुडापुर दादू गांव के पास मिल जाएगा. अनुमानित लंबाई करीब 594 किलोमीटर है. एक्सप्रेस-वे राज्य के 11 जनपदों से होकर गुजरेगा.
सीएम ऑफिस ने ट्वीट किया, “मंत्रिपरिषद ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु निर्णय लिया है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मुद्रीकरण से प्राप्त धनराशि को राजकोष में जमा किए जाने के पश्चात धनराशि का आहरण बजट के माध्यम से किया जाएगा.”
सीएम ऑफिस ने ट्वीट कर दी जानकारी
ट्वीट करके बताया कि ‘साथ ही, मंत्रिपरिषद द्वारा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मुद्रीकरण के सम्बन्ध में प्रक्रियात्मक एवं परिचलानात्मक निर्णय हेतु उच्चाधिकार प्राप्त शासकीय समिति के गठन के प्रस्ताव, भविष्य में प्रस्तावित शासकीय समिति की अनुशंसा पर नीतिगत निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किए जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है.’
मंत्रिपरिषद द्वारा परियोजना के सिविल निर्माण हेतु वित्त पोषण के लिए प्रस्तावित प्रक्रिया के अनुसार सम्भावनाएं तलाश करने के निमित्त पी.पी.पी.-टोल मॉडल पर निवेशकों से रुचि की अभिव्यक्ति (ई.ओ.आई.) आमंत्रित करने हेतु प्रक्रिया एवं ड्राफ्ट प्रारूप के अनुमोदन के साथ ही, यह निर्णय भी लिया है कि यदि सभी प्रयासों के बाद भी पीपीपी मोड में कार्य को सम्पादित किए जाने में कठिनाई होती है, तो उस समय प्रशासकीय विभाग द्वारा प्रस्तुत अन्य विकल्प पर विचार किया जाएगा.