एक ही जिले के सात सांसदों ने ली शपथ !
एक ही जिले के सात सांसदों ने ली शपथ
अखिलेश ने कहा- आज नई शपथ संग नया पथ, PDA मंज़िल, इटावा के सात सांसद निर्वाचित होकर पहुंचे हैं संसद
इटावा के सात सांसद देश की संसद में अब आवाज जनता के मुद्दों की उठाएंगे। 18वीं लोकसभा में इटावा जिले के सात सांसद निर्वाचित हुए हैं। देश के किसी भी जिले से पहली बार सात सांसद निर्वाचित हुए हैं। मंगलवार को सभी ने एक एक करके अपने अपने अंदाज में शपथ ग्रहण कर ली है। शपथ ग्रहण के दौरान किसी ने जय समाजवाद, जय भीम तो किसी ने नेताजी मुलायम सिंह को याद करते हुए शपथ ग्रहण की है।
बीते मंगलवार को शपथ ग्रहण संपन्न हो गया। 18वीं लोकसभा में ऐसा वाकया देखने को मिला जो पहले शायद ही संसद में देखने और सुनने को मिला होगा। जिसमें एक जिले के सात सांसदों संसद में शपथ ग्रहण की हो। और उनमें से पांच एक ही परिवार के सदस्य हो। संसद में ऐसा भी देखा गया है कि जहां समाजवादी पार्टी से निर्वाचित अधिकाधिक सांसद अपने-अपने हाथों में संविधान की पुस्तक लेकर के पहुंचे हुए थे। सपा सांसदों ने शपथ के बाद जय समाजवाद, जय भीम, जय संविधान जैसे नारे लगाए इसके पीछे राजनीति टीकाकार बड़ी वजह मानकर चल रहे है।
पीडीए फॉर्मूले को मजबूत हथियार बनाएंगे सपाई
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सोची समझी रणनीति हैं। जिस तरह से 2024 में यूपी में पीडीए फॉर्मूले से सपा को एग्तिहासिक जीत मिली है उसी फार्मूले को अपना मजबूत हथियार बनाकर समाजवादी पार्टी 2027विधानसभा चुनाव की पटकथा लिखने के लिए जा रही है। इसी लिए संसद में इस तरह का दृश्य देखने को मिला, जिसमें संविधान की प्रतियां लेकर सपा सांसदों ने शपथ लेकर मारे बुलंद किए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बेटे बदायूं के सांसद आदित्य यादव ने शपथ ग्रहण के दौरान नेताजी अमर रहे कहना नहीं भूले।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मैनपुरी से निर्वाचित सांसद श्रीमती डिंपल यादव ने शपथ ग्रहण के दौरान जय समाजवाद जय संविधान और जय भीम का नारा बोलने में कोई गुरेज नहीं किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महामहासचिव प्रो रामगोपाल यादव के बेटे फिरोजाबाद से निर्वाचित सांसद अक्षय यादव ने भी नेता जी अमर रहे जय समाजवाद जय भीम का नारा दिया।
वहीं एटा से निर्वाचित समाजवादी पार्टी के सांसद देवेश शाक्य ने शपथ ग्रहण के दौरान नमो बुद्धाय, जय समाजवाद,जय भीम का नारा देकर के समाजवादी पार्टी के पीडीए फार्मूले का जिक्र करना नहीं भूले।
इटावा से निर्वाचित समाजवादी पार्टी के सांसद जितेंद्र दोहरे ने अपने शपथ ग्रहण के दौरान जय भीम जय भारत अखिलेश यादव जिंदाबाद इंडिया गठबंधन जिंदाबाद का नारा बोल कर अपनी पार्टी के पीडीए फार्मूले की याद दिला दी।
आजमगढ़ से निर्वाचित समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने अपने शपथ ग्रहण में पार्टी के पीडीएफ फार्मूले को प्रभावी करते हुए जय भीम, जय समाजवाद, नेता जी अमर रहे अखिलेश यादव जिंदाबाद पीडीए जिंदाबाद बोलने से पीछे नहीं हटे।
कौन किस सीट से हुआ निर्वाचित
सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद अपनी परंपरागत सीट कन्नौज से चुनाव मैदान में उतरे तो अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं अपने चचेरे भाई पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा तो पूर्व सांसद अक्षय यादव को फिरोजाबाद संसदीय सीट और पहली दफा अपने चचेरे भाई आदित्य यादव को बदायूं संसदीय सीट से चुनाव मैदान में सपा उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमाने उतारा और परिवार के सभी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज करके सपा को मजबूत करने का काम किया है।
अखिलेश यादव करीब डेढ़ दशक बाद कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरे, जहां उन्हें भारतीय जनता पार्टी के सुब्रत पाठक के मुकाबले जीत हासिल हुई है।
मैनपुरी संसदीय सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने योगी सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को पराजित किया है।
फिरोजाबाद संसदीय सीट से पूर्व सांसद अक्षय यादव को जीत मिली है। उन्होंने अपने निकटतम विरोधी भारतीय जनता पार्टी के ठाकुर विश्वजीत सिंह को पराजित किया।
पूर्वी उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ संसदीय सीट से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया था धर्मेंद्र यादव ने भारतीय जनता पार्टी के दिनेश लाल यादव को पराजित किया है।
है।
पहली बार उतरे मैदान में और जीत दर्ज की
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव को बदायूं संसदीय सीट से चुनाव मैदान में पहली दफा उतारा गया, आदित्य यादव ने संसदीय चुनाव की पहली पायदान पर ही कामयाबी हासिल कर ली है, आदित्य यादव ने कांटे के संघर्ष में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दुर्विजय सिंह शाक्य को पराजित कर दिया है।
एटा संसदीय सीट से निर्वाचित समाजवादी पार्टी के सांसद देवेश शाक्य भी इटावा जिले के ही मूल वासी है। देवेश शाक्य ने अपने पहले ही संसदीय चुनाव में हिंदू सेवक कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को पराजित किया है।
इसके साथ ही इटावा संसदीय सीट से निर्वाचित समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जितेंद्र दोहरे भी पहली दफा संसदीय चुनाव में उतरे जहां उन्होंने तीन दफा के सांसद दो दफा के एससी-एसटी कमीशन के अध्यक्ष और एक दफा के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री का दर्जा पाए प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया को पराजित करने में कामयाबी हासिल की।