हिरासत से रिहा हुए अखिलेश यादव, कृषि कानूनों को लेकर केंद्र पर बोला हमला, CM योगी से भी मांगा हिसाब

किसानों (Farmers) के समर्थन में समाजवादी पार्टी सोमवार को पूरे प्रदेश में किसान यात्रा निकालने का प्रयास किया. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने आवास से बैरिकेडिंग पार करके बाहर निकले और राजभवन चौराहे पर धरने पर बैठ गए हैं. इस दौरान अखिलेश यादव समेत कई समाजवादी पार्टी के नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. जानकारी के मुताबिक अब पुलिस ने अखिलेश यादव को रिहा कर दिया है.

अखिलेश यादव को पुलिस ने इको गार्डन में हिरासत में रखा था. इससे पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि हम चाहते हैं कि केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करे. उन्हें किसानों को बताना चाहिए कि वे MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कब लाएंगे जो किसानों की आय को दोगुना कर देगा?:

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों के हर आंदोलन का समर्थन करती है. मुख्यमंत्री जी ये बताएं धान कितने में खरीदा गया है किसानों से, मक्के की क्या कीमत दी गई थी और गन्ने की फसल का अभी तक बकाया है किसानों का, ये कब बताएगी सरकार.

‘किसान-बंधुओं के समर्थन में हों एकजुट’

इससे पहले रविवार को अखिलेश ने ट्वीट करके ‘किसान-यात्रा’ में शामिल होने के लिए अपने समर्थकों से अपील की थी. उन्होंने लिखा, “‘किसान-यात्रा’ : 7 दिसंबर, 2020, समय : 11 बजे. विशिष्ट किसान मंडी, ठठिया से किसान बाजार, मेडिकल कॉलेज तिर्वा, कन्नौज तक. आइए किसानों की आय में वृद्धि की मांग के लिए, भाजपा सरकार की शोषणकारी नीतियों के खिलाफ, हम सब अपने किसान-बंधुओं के समर्थन मे एकजुट हों!”

किसानों का आंदोलन का 12वां दिन

बता दें कि किसानों का आंदोलन सोमवार को लगातार 12वें दिन जारी है. किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हुए हैं और आठ दिसंबर (मंगलवार) को भारत बंद का आह्वान किया है.

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