गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान बोले – कानून वापसी से पहले हटेंगे नहीं, चाहे 10 साल लग जाएं

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज यानी गुरुवार को 29वां दिन है. बुधवार को किसान संघ ने केंद्र की तरफ से भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. अब यह खींचतान कितनी लंबी चलेगी यह किसी को समझ नहीं आ रहा है.


      नए कानून रद्द करे सरकार: किसान नेता

      बुराड़ी ग्राउंड में मौजूद भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला ने कहा कि जब तक काले कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हमारे हौंसले बुलंद हैं. सरकार जितनी जल्दी हो सके ये कानून रद्द कर दे नहीं तो संघर्ष और बढ़ा होगा. हमें दुनिया का सहयोग मिल रहा है.

    • भूख हड़ताल बना विरोध का सबसे खास तरीका

      आपने देखा होगा कि किसी भी चीज का विरोध करने के लिए या अपनी मांगों की पूरी करवाने के लिए अक्सर भूख हड़ताल का सहारा लिया जाता है. किसी एक छोटे से कस्बे में होने वाले विरोध-प्रदर्शन से लेकर देशव्यापी आंदोलनों में भी अनशन का सहारा लिया जाता रहा है. महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों के खिलाफ यह हथियार उठाया था तो हाल ही में हो रहे किसान भी इसका सहारा ले रहे हैं. ऐसे में कभी आपने सोचा है कि आखिर भूख हड़ताल की शुरुआत कब से हुई…

  • चाहे 10 साल लग जाएं, हटेंगे नहीं: किसान

    गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक हम हटेंगे नहीं..चाहे 10 साल लग जाएं. 6 बार की बातचीत हो चुकी है. सरकार चाहती तो हल निकाल सकती थी.”

  • किसानों के समर्थन में आज राहुल गांधी का पैदल मार्च

    कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आज राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च करेंगे. राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के सांसद और सीनियर नेता भी होंगे. ये लोग कृषि कानूनों के मुद्दे पर राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग करेंगे और 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन उन्हें सौंपेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक, राहुल आज सुबह 10.45 पर विजय चौक से राष्ट्रपति भवन की तरफ निकलेंगे. पढ़ें पूरी खबर

    आप नेता राघव चड्डा का बीजेपी पर हमला

    BJP ने देश के किसानों को चीन और पाकिस्तान का एजेंट कहा. BJP योजनाबद्ध तरीके से किसानों को अपमानित करना चाहती है. यह पूरा षड्यंत्र बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा चलाया जा रहा है. भाजपा द्वारा किसानों के अपमानित होने पर किसान अब बीजेपी के खिलाफ कोर्ट जाना चाहते हैं: राघव चड्डा, AAP

  • CM खट्टर का काफिला रोकने पर 13 किसानों के खिलाफ कल मुकदमा दर्ज

    केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाए. अब इस मामले में अंबाला पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. मंगलवार को जब उनका काफिला अंबाला शहर से गुजर रहा था, उस समय प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने खट्टर को काले झंडे दिखाए थे. पढ़ें पूरी खबर

    किसानों ने दी है आंदोलन को तेज करने की धमकी

  • नए कृषि कानूनों को लेकर 29वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है. बुधवार को किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक कहा कि उनका आंदोलन और तेज होगा. किसानों ने कहा कि वे बातचीत को तैयार हैं लेकिन सरकार खुले मन से बात करे, ‘तथाकथित किसानों’ से बात कर फूट न डाले. यहां किसान नेताओं की ओर से यह भी कहा गया कि अन्य राज्यों में प्रदर्शन तो चल रहे हैं लेकिन इतनी मजबूत ढंग से नहीं, वहां भी आंदोलन को तेज करने को कहा जाएगा.

  • किसान आंदोलन के लिए हमारे कुछ भाई दूध में नींबू की तरह कर रहे हैं काम – नरेश टिकैत

    नरेश टिकैत ने कहा कि कुछ लोग किसानों की एकता को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं. नींबू का चौथा हिस्सा 10 क्विंटल दूध को फाड़ देता है. हमारे कई भाई नींबू का काम कर रहे हैं, ऐसा काम न कर

    आखिर कहां फंसा है पेंच? केवल 5 पॉइंट्स में समझें

    तीनों कानूनों के अंतर्गत कई प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए आंदोलनरत किसानों की मांग है कि सरकार ये कानून वापस ले. इनमें एमएसपी (MSP) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य एक बड़ा मुद्दा है. हालांकि सरकार कई बार कह चुकी है कि एमएसपी खत्म नहीं की जाएगी. यहां तक कि सरकार इसकी लिखित गारंटी देने को भी तैयार है. ऐसे में सवाल है कि कड़ाके की ठंड में भी वे अपना आंदोलन खत्म क्यों नहीं करते?

  • शादी करने UAE से घर आया था पंजाब का यह शख्स, रद्द की प्लानिंग

    पंजाब (Punjab) के 29 वर्षीय सतनाम सिंह (Satnam Singh) दो साल तक यूएई (UAE) में काम करने के बाद घर लौटे थे. सतनाम ने दो महीने की छुट्टी ली थी और वो अपने गांव अपनी शादी के लिए आए थे. लेकिन जब वो जालंधर जिले में स्थित अपने घर पर आए तो स्थितियां कुछ अलग ही नजर आईं. सतनाम 29 नवंबर को घर पहुंचे थे. यहां आने पर उन्हें पता चला कि उनका बड़ा भाई गांव के किसानों के साथ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहा है.

  • किसान आंदोलन के चलते कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया

    पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने कल कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के कारण, पश्चिम रेलवे की कई और विशेष ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है और इसलिए कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है.

    किसानों ने ठुकराया बातचीत का प्रस्ताव

    नए कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को लेकर किसानों और सरकार के बीच खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है. बुधवार को एक बार फिर किसान संघ ने केंद्र की तरफ से भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. किसान संघ के नेताओं ने कहा कि सरकार हमारे साथ ऐसा ही व्यवहार कर रही है, जैसा वो अपने विपक्ष के साथ करती है. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार अब मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रही है.

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