केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया ने फिर दिया विवादित बयान, बोले- ये भारत का अन्नदाता किसान नहीं है बल्कि…
अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री और अंबाला से BJP सांसद रतन लाल कटारिया ने किसान आंदोलन पर किसानों को लेकर एक बेहद अजीबो गरीब बयान दिया है।
कटारिया ने मंगलवार को कहा कि ये भारत का अन्नदाता किसान नहीं है बल्कि इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे कुछ राजनीतिक तत्व घुस गए हैं। ये मोदी जी की लोकप्रियता से बौखलाए हुए हैं और उन्हें बदनाम करने का बहाना ढूंढ रहे हैं कि कैसे उन्हें किसान विरोधी करार दिया जाए।
इससे पहले बीते महीने उन्होंने प्रदर्शनारी किसानों को ‘पागल सांड बताया था, हालांकि बाद में कटारिया ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया गया।
पंचकूला में संवाददाताओं से बातचीत में कटारिया से पिछले महीने जब किसानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल किया गया था। पत्रकारों के सवाल के जवाब में कटारिया ने कहा कि कानून-व्यवस्था अलग मुद्दा है और उसे बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मान लें कि एक सांड है जो पागल हो गया है और मेरी ओर दौड़ा आ रहा है, तो मैं अपनी रक्षा में कुछ तो करूंगा। मुझे अपनी जान तो बचानी है। यह पूछने पर कि क्या वह किसानों की तुलना ‘पागल सांड’ से कर रहे हैं, अंबाला से सांसद ने कहा कि मैं किसानों की बात नहीं कर रहा हूं। मैंने यह कई बार कहा है कि इसका गलत अर्थ निकाला जा रहा है।
कटारिया ने कहा कि मैंने सांड शब्द का प्रयोग उन असामाजिक तत्वों के लिए किया जो किसानों के कंधों पर रखकर बंदूक चला रहे हैं और खालिस्तानी नारे लगा रहे हैं। यह किसानों के संदर्भ में नहीं था।
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 41वें दिन भी जारी है।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।