पत्रकार सिद्दीक कप्पन को मिली मां को देखने के लिए 5 दिन की अंतरिम जमानत, यूपी पुलिस रखेगी निगरानी
हाथरस गैंगरेप केस में यूपी पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए पत्रकार सिद्दीक कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी है। सिद्दीक कप्पन को बीमार मां का हालचाल जानने केरल जाने के लिए यह राहत दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ पत्रकार को केरल जाने की राहत दी है। जमानत के 5 दिनों के दौरान यूपी पुलिस के जवान उन पर निगरानी के लिए साथ रहेंगे। कप्पन ने अपनी बुजुर्ग मां की तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए उनका हाल जानने के लिए जमानत की मांग की थी। कप्पन के वकील कपिल सिब्बल ने सरकार में उनका पक्ष रखते हुए कहा कि पत्रकार की मां की सेहत काफी खराब है और डॉक्टरों का कहना है कि शायद वह अब ज्यादा दिन न जी पाएं।
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस.ए बोबडे की बेंच ने कप्पन को केरल जाने के लिए जमानत दे दी। हालांकि बेंच ने यह भी कहा कि 5वें दिन उन्हें यूपी वापस आना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कप्पन को जमानत देते हुए कहा है कि इन 5 दिनों के दौरान वह किसी मीडिया संस्थान को इंटरव्यू नहीं देंगे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी ऐसा नहीं करेंगे। अपने रिश्तेदारों के अलावा अन्य लोगों से मिलने की इजाजत भी नहीं होगी। मां के इलाज से जुड़े डॉक्टरों से वह मुलाकात कर सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई इन शर्तों को उनके वकील कपिल सिब्बल ने स्वीकार किया है। अदालत में कप्पन का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा था कि उनकी मां की सेहत काफी खराब है। यहां तक वह अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बोल भी नहीं सकती हैं। वह जिस जेल में बंद हैं, वहां की अथॉरिटी की ओर से वीडियो कॉल पर बात कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन उनकी मां बोल नहीं सकीं। हालांकि कोर्ट में यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेल की मांग का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मां की सेहत की बात करके न्यायिक प्रक्रिया को बाधित किया जा रहा है।
बीते साल अक्टूबर में हाथरस गैंगरेप केस की रिपोर्टिंग के लिए जाते वक्त यूपी पुलिस ने सिद्दीक कप्पन को अरेस्ट कर लिया था। सिद्दीक को अतिवादी संगठन पीएफआई से संबंधों के आरोप में अरेस्ट किया गया था। पुलिस का आरोप है कि उनके पास से शांति भंग करने वाले साहित्य की बरामदगी की गई है। यही नहीं यूपी पुलिस का कहना था कि कप्पन का पत्रकारिता से फिलहाल कोई ताल्लुक नहीं है और उनके आईडी कार्ड की वैलिडिटी काफी समय पहले ही समाप्त हो चुकी है।