बागी नेताओं से परेशान कांग्रेस का नया फ़ॉर्मूला- एफिडेविट दें, टिकट न मिलने पर नहीं करेंगे बगावत
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने नेताओं से बगावत न करने का एफिडेविट भरवाना शुरू कर दिया है. रीवा नगर निकाय चुनावों में कांग्रेस को भितरघात का खतरा सता रहा है जिसके मद्देनज़र नेताओं से शपथ पत्र भरवाया जा रहा है.
- – 12:16 pm, Mon, 15 February 21
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा में नगरीय निकाय चुनावों के लिए कांग्रेस ने नेताओं के लिए एक नया नियम बना दिया है. जो भी स्तानीय नेता चुनाव लड़ना चाहता है और टिकट मांग रहा है उससे पार्टी एक शपथ पत्र पर साइन करा रही है. इस शपथ पत्र के मुताबिक अगर उन्हें टिकट नहीं भी मिलता है तो वे पार्टी के खिलाफ बगावत नहीं करेंगे. रीवा नगर निगम के चुनाव प्रभारी पूर्व मंत्री हर्ष यादव ही कांग्रेस कार्यालय में नेताओं से इन शपथ पत्रों पर साइन करवा रहे हैं.
कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं के लिए नई गाइडलाइन तैयार की है जिसके मुताबिक सभी दावेदारों को शपथ पत्र देना अनिवार्य है. इस शपथ पत्र में लिखा है कि वे पार्टी के सिद्धांतों के मुताबिक काम करेंगे और टिकट नहीं मिलने की स्थिति में भी न तो पार्टी छोड़ेंगे और न ही पार्टी के साथ किसी तरह की बगावत करेंगे. ये वचन पत्र महापौर और पार्षदी के दावेदार नेताओं से भी लिया जा रहा है. हर्ष यादव ने इस बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा कि ये पार्टी का आंतरिक मामला है और पूरी प्रक्रिया पार्टी में अनुशासन बनाए रखने की है.
पार्टी में टूट का खतरा
जानकारों के मुताबिक कांग्रेस में टिकट को लेकर काफी कलह की स्थिति है जिसके मद्देनज़र इस शपथ पत्र की जरूरत पड़ रही है. उधर मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस 22 फरवरी को रणनीति बनाएगी. विधायक दल की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ के आवास पर 22 फरवरी को शाम सात बजे होगी. इसमें उन मुद्दों पर निर्णय लिए जाएंगे, जिन्हें दल प्रमुखता के साथ उठाएगा. हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर रणनीति 18 फरवरी को कमल नाथ के भोपाल लौटने पर तय होगी और अध्यक्ष पद का चुनाव 22 फरवरी को ही होगा. कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी की है. इसे लेकर कर्जमाफी से जुड़े काफी सवाल लगाए गए हैं.