अटल प्रोग्रेस-वे:नवंबर तक तैयार होगी डीपीआर, दो चरण में बनेगा 404 किमी लंबा हाईवे

  • प्रदेश सरकार ने मुरैना, भिंड व श्योपुर में राजस्व तथा वन विभाग की जमीन देना शुरू की

राजस्थान के कोटा से शुरू होकर श्योपुर, मुरैना और भिंड होते हुए इटावा तक प्रस्तावित अटल प्रोग्रेस-वे को दो चरणों में तैयार किए जाने की योजना है। जिसके पहले चरण में कोटा से मुरैना अाैर दूसरे चरण में मुरैना से इटावा तक इस प्रोग्रेस-वे को बनाया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में मुरैना, श्योपुर और भिंड के 160 ग्रामीण क्षेत्र प्रोग्रेस-वे से जुड़ेंगे। इस प्रोग्रेस-वे की पूरी योजना के लिए डीपीआर के टेंडर हो गए हैं।

कंसल्टेंट को 10 महीने में इसकी डीपीआर तैयार करनी होगी। बजट में घोषणा के बाद इसकी प्रक्रिया तेज की जा रही है। प्रदेश सरकार ने मुरैना, भिंड व श्योपुर में राजस्व तथा वन विभाग की जमीन प्रोग्रेस-वे के लिए देना शुरू कर दी है लेकिन निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाना मुश्किल हो रहा है। वहीं राजस्थान एवं उप्र सरकार को पत्र लिखकर कोटा और इटावा में जमीन अधिग्रहण कराने की बात कही गई है।

बीहड़ों से गुजरेगा प्रोग्रेस-वे… इंडस्ट्रीज, कॉलेज के साथ विकास पकड़ेगा रफ्तार

1. कोटा से इटावा तक जाने वाले इस प्रोग्रेस-वे को मुरैना, भिंड में मौजूद बीहड़ों से निकाला जाएगा। ताकि, बीहड़ों में ट्रैफिक गुजरने के साथ उन क्षेत्रों को व्यावसायिक केंद्रों के रूप में तैयार किया जा सके। अब तक की योजना के अनुसार श्योपुर के 48, मुरैना के 87 और भिंड के 25 गांव से ये प्रोग्रेस-वे निकलेगा। इनमें जो क्षेत्र शहर या अच्छी आबादी के आसपास होंगे, वहां स्कूल, कॉलेज क्लस्टर बनाए जाएंगे। साथ ही इस प्रोग्रेस-वे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल एवं लॉजिस्टिक पार्क प्रस्तावित किए जा रहे हैं।

2. ये प्रोग्रेस-वे चंबल नदी के किनारे से ज्यादा निकलेगा, लेकिन घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र में इसे चंबल नदी से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए राजस्व व वन विभाग की जमीन का अधिग्रहण शुरू किया जा चुका है लेकिन निजी जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पा रहा। सरकार लोगों को जमीन के बदले जमीन देने का प्रस्ताव रख चुकी है। लोगों ने इसे ठुकराते हुए जमीन के बदले मुआवजा मांगा है, जिस वजह से ये अधिग्रहण नहीं हो पा रहा।

3. अटल प्रोग्रेस-वे 404 किलोमीटर लंबा रहेगा। इसे दो चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में कोटा से मुरैना तक तैयार किया जाएगा। इसके तैयार होने पर दूसरा चरण मुरैना से इटावा तक के लिए पूरा होगा। एनएचएआई द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट कंपनी ने इस प्रस्तावित रूट पर अपना काम फरवरी से शुरू कर दिया है। नवंबर तक कंपनी को डीपीआर का काम पूरा करके रिपोर्ट तैयार करनी है। उसके बाद केंद्र एवं राज्य सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।

डीपीआर तैयार करने के लिए 10 माह का समय दिया

अटल प्रोग्रेस-वे के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति हो गई है। कंपनी को डीपीआर तैयार करने के लिए 10 महीने का समय दिया गया है। प्रोग्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम चालू है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित रूट की जमीन अधिग्रहित करके हमें दी जाएगी। इसके बाद काम में तेज आएगी।

– संजय वर्मा, तकनीकी प्रबंधक, एनएचएआई

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