ममता ने दिल्ली शासन एक्ट को संघीय ढांचे पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताया, केजरीवाल को भेजी समर्थन वाली चिट्ठी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली शासन एक्ट में संशोधन बिल के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना समर्थन दिया है।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली शासन एक्ट में संशोधन बिल के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना समर्थन दिया है। इस सबंध में उन्होंने चिट्ठी लिखकर पना समर्थन जताया। इस चिट्ठी में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अरविंद केजरीवाल को लिखा है कि ‘आपका संघर्ष मेरा संघर्ष है।’ उन्होंने इस चिट्ठी में में बीजेपी की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए दिल्ली शासन संशोधन बिल को भारत के गणतंत्र के संघीय ढांचे पर सर्जिकल स्ट्राइक करार दिया है।

ममता बनर्जी ने चिट्ठी में लिखा- ‘मैं और मेरी पार्टी तृणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार के दिल्ली के मुख्यमंत्री की शक्तियां कम करके उसे लेफ्टिनेंट गवर्नर के अधीन लाने वाले चालाकी से भरे, अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कदम के खिलाफ आपके और आपके सैद्धांतिक विपक्ष के साथ एकजुटता से खड़े हैं।‘ममता बनर्जी ने इस चिट्ठी में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा है।

आपको बता दें कि लोकसभा में सोमवार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 पेश किया गया है जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल की कुछ भूमिका और अधिकारों को परिभाषित करने का प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने निचले सदन में विधेयक को पेश किया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, इस विधेयक में दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘सरकार’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा। इसमें दिल्ली की स्थिति संघराज्य क्षेत्र की होगी जिससे विधायी उपबंधों के निर्वाचन में अस्पष्टताओं पर ध्यान दिया जा सके। इस संबंध में धारा 21 में एक उपधारा जोड़ी जाएगी।

इसमें कहा गया है कि विधेयक में यह भी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है कि उपराज्यपाल को आवश्यक रूप से संविधान के अनुचछेद 239क के खंड 4 के अधीन सौंपी गई शक्ति का उपयोग करने का अवसर मामलों में चयनित प्रवर्ग में दिया जा सके। विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि उक्त विधेयक विधान मंडल और कार्यपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का संवर्द्धन करेगा तथा निर्वाचित सरकार एवं राज्यपालों के उत्तरदायित्वों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शासन की संवैधानिक योजना के अनुरूप परिभाषित करेगा।

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