पुलिस में इनाम की दो व्यवस्थाएं

15 महीनों में बेहतर परफॉर्मेंस वाले 10 हजार पुलिसकर्मियाें को पुरस्कार, जबकि इसी दौरान 250 मामलों में 500 फरार आरोपियों पर 25 लाख का इनाम घोषित
  • पहली पुलिस के बेहतर काम के लिए, दूसरी-फरार बदमाशों के मुखबिरी व गिरफ्तार पर

पुलिस में इनाम की दो व्यवस्थाएं हैं। इसमें अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों को नगद राशि बतौर इनाम दी जाती है, जो उनके सर्विस रिकाॅर्ड में दर्ज होती है। दूसरी तरफ, गंभीर अपराधों में फरार गुंडे-बदमाशों की गिरफ्तारी पर इनाम की घोषणा होती है। बदमाशों की गिरफ्तारी पर यह राशि फरार बदमाशों का सुराग देने वाले मुखबिर को मिलती है। राजधानी पुलिस ने जनवरी 2020 से अब तक यानी 15 महीनों में 250 प्रकरणों में फरार गुंडे-बदमाशों पर इनाम घोषित किया।

जिसमें आरोपियों की संख्या 500 से अधिक है। जबकि अफसरों द्वारा 1285 केसों में अच्छा काम करने वाले करीब 10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को इनाम का ऐलान किया। वहीं, इंदौर पुलिस ने पिछले साल 425 बदमाशों पर इनाम घोषित किया। वहीं यहां के करीब 11 हजार पुलिसकर्मियों को इनाम दिया। इनाम घोषित करने में भोपाल, इंदौर से आगे है।

भोपाल

  • 210 अपराधों में इनाम की घोषणा वर्ष 2020 में
  • 40 अपराधों में इनाम की घोषणा इस साल में अब तक की
  • 60 फीसदी मामलों में अज्ञात बदमाशों पर इनाम

इंदौर

  • 425 आरोपियों पर इनाम घोषित किया पिछले साल
  • 11717 पुलिसकर्मियों को पिछले साल मिला इनाम
  • यहां 50% मामलों में अज्ञात बदमाशों पर इनाम

इन्हें अधिकार

आईजी 30 हजार रुपए डीआईजी 20 हजार रुपए तक एसपी 10 हजार रुपए तक डीजीपी 30 हजार से अधिक 15 महीनों में भोपाल के 250 आपराधिक मामलों में गुंडे-बदमाशों पर इनाम घोषित है। यह राशि करीब 25 लाख है।

सीसीटीवी फुटेज भी नहीं आ रहे काम
राजधानी पुलिस ने जिन 250 प्रकरण में इनाम घोषित किया है। इसमें 60 प्रतिशत से अधिक आरोपी वाहन चोरी, नकबजनी और लूट के हैं। इनके संबंध में पुलिस के पास जानकारी नहीं है। यह इनाम पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज एवं साक्ष्यों के आधार पर अज्ञात बदमाशों पर घोषित किया है। लगभग 40 प्रतिशत आरोपी वे हैं, जो धोखाधड़ी, हत्या, हत्या के प्रयास, अड़ीबाजी समेत अन्य अपराधों में फरार हैं।

इनाम की राशि 50 रुपए भी
पुलिसकर्मियों के अच्छे व्यवहार, चाल-चलन, ईमानदारी, काम के प्रति निष्ठा आदि के लिए अफसरों द्वारा ईनाम दिया जाता है। ईनाम का प्रतिवेदन थाना प्रभारी द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाता है। इसमें उन्हें इनाम के आदेश किए जाते हैं। इनाम की राशि 50 रुपए भी हो सकती है। सर्विस रिकार्ड में इनाम दर्ज किया जाता है,जो पदोन्नति में फायदा पहुंचाता है।

घेराबंदी करके गिरफ्तार करती है आरोपी
पुलिस समय-समय पर शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार करती है। इनसे चोरी की बाइक और अन्य वाहन बरामद किए जाते हैं। लेकिन नकबजनी करने वाले गिरोह के सदस्यों तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती होता है।

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