एमवाई अस्पताल में डॉक्टर हुआ संक्रमण का शिकार , 80 फीसदी फेंफडे हुए थे संक्रमित

शनिवार को एमवाय अस्पताल के डॉक्टर दीपक सिंह की मौत हो गई। एमवाय अस्पताल में पदस्थ थे और जब वे संक्रमित हुए तब वो अस्पताल में ड्यूटी कर रहे थे। वे एमवाय अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोविड मरीजों का उपचार कर रहे थे। कोरोना मरीजों के उपचार के दौरान ही वे संक्रमण का शिकार हो गए थे। शनिवार को उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद अन्य डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है।

जूनियर डाक्टर एसोसिएशन ने मांग की थी कि कोविड ड्यूटी करते समय हमारे इंटर्न जो संक्रमित हुआ है। उसे सारी इमरजेंसी दवाएं तुरंत प्रदान की जाएं। उसका पूरा ध्यान रखा जाए। जो डाक्टर खुद इस मुश्किल समय में खुद की जान को दांव पर लगाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके लिए प्रशासन व सरकार इलाज के लिए विशेष इंतजाम करें।

परिचय — दीपक सिंह सतना के रहने वाले थे। उनके पिता किसान है और मां गृहिणी हैं। डा दीपक घर के सबसे बड़े बेटे थे और उन्होंने कक्षा 12 वीं के बाद दो साल डाक्टर बनने के लिए ड्राप लेकर पढ़ाई की। अभाव में रहकर भी पीएमटी की तैयारी की और 2010 में इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज में इनका चयन हुआ था। इंदौर के रहने वाले डॉ. दीपक सिंह एमजीएम मेडिकल कॉलेज की 2010 बैच से एमबीबीएस पॉस आउट थे। उनकी बैच के अन्य डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोरोना वारियर्स की तरह काम कर रहे डॉ दीपक खुद संक्रमित हो गए थे। उनके फेफड़े 80 फीसदी से ज्यादा संक्रमित हो गए थे इसके बावजूद सरकार ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया।

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