पिता के गुनाह की सजा बेटे को
8 माह के मासूम को नहीं मिला मां का दूध, ICU में मौत से लड़ रहा; घर में अवैध शराब मिलने पर मां को हुई जेल, पिता फरार
पिता के गुनाह की सजा 8 महीने का मासूम भुगत रहा है। घर में शराब मिलने पर उसकी मां और घर के अन्य सदस्यों को पुलिस ने जेल भेज दिया। पिता फरार है। कोरोना की वजह से बच्चे को मां के साथ जेल में नहीं जाने दिया गया। पड़ोसी उसकी देखभाल कर रहे थे, लेकिन मां का दूध और ममता का आंचल नहीं मिलने उसकी तबीयत बिगड़ गई। गंभीर हालत में उसे ICU में भर्ती किया गया है। वह दो दिन से वेंटिलेटर पर है। इस बीच सोमवार को मां को जमानत मिली तो वह सीधे अस्पताल पहुंची। बच्चे की नानी भी आ गई हैं।
लसूड़िया क्षेत्र के इंदिरा नगर में क्राइम ब्रांच ने होली के दिन हिस्ट्रीशीटर मोगली उर्फ धर्मेंद्र यादव के घर पर छापा मारा। मौके से 195 लीटर शराब मिली। पुलिस ने मोगली की पत्नी खुशी और घर की अन्य महिलाएं सोनम और कृष्णा बाई पर एफआईआर दर्ज की। पुलिस कुछ जरूरी कागजी खानापूर्ति का हवाला देकर सभी को थाने गई और फिर वहीं से जेल भेज दिया। पुलिस ने संवेदनहीनता दिखाते हुए खुशी के बेटे रणवीर (8 माह) को पड़ोसियों के पास छोड़ दिया।
दो दिन पहले हालत ज्यादा खराब होने पर रणवीर को पड़ोसियों ने डॉल्फिन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। लोगों ने उसकी नानी विचित्रा यादव को सूचना दी तो वह भी अस्पताल पहुंचीं।
रणवीर की नानी ने अफसरों से निवेदन किया कि मासूम को उसकी मां से मिलवा दो। मां से दूर होने के कारण उसकी हालत बिगड़ती जा रही है। हालांकि सोमवार को रणवीर की मां खुशी को जमानत मिली। वह जेल से सीधे अपने बेटे के पास पहुंची।
हाई कोर्ट के वकील राम बजाड़ गुर्जर व सारांश जैन के मुताबिक नियमानुसार आरोपी महिला के पास छोटा बच्चा है तो उसे भी मां के साथ में ही जेल भेजना चाहिए। लेकिन पुलिस ने जल्दबाजी की। बच्चे को घर में ही छोड़ दिया, जबकि उसकी मां ने यह बात बताई थी कि घर में उसका 8 माह का बेटा है। सोमवार को हाई कोर्ट ने बच्चे की सेहत को ध्यान में रखते हुए उसकी मां खुशी यादव को जमानत दी है।