दिल्ली: हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन की भारी कमी, सीएम-डिप्टी सीएम ने केंद्र से मांगी मदद
राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भारी कमी (shortage of oxygen) हो रही है. ऐसे में सीएम अरविंद केजरीवाल ने फिर से केंद्र से आग्रह किया कि वह दिल्ली को तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराएं.
राजधानी दिल्ली में कोरोना से एक बार फिर हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं. बड़े-बड़े अस्पतालों ने ही कुछ घंटे बाद ऑक्सीजन न होने की बात कह दी है. इनमें मैक्स हॉस्पिटल और गंगा राम हॉस्पिटल शामिल हैं. उन्होंने बताया है कि उनकी ऑक्सीजन की आपूर्ति कुछ घंटों तक ही चल सकेगी. मैक्स अस्पताल ने कहा है कि ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित हो गई है और इसमें केवल छह से 12 घंटे ऑक्सीजन बची है. वहीं, गंगा राम अस्पताल ने कहा कि उनकी आपूर्ति लगभग आठ घंटे ही चलेगी.
ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंच गया है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र 22 अप्रैल को उद्योग के लिए ऑक्सीजन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के बजाय तुरंत क्यों नहीं लगा रहा था. दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा था.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की स्तिथि को लेकर दावा किया है कि दिल्ली में अधिकतर अस्पतालों में केवल अगले 8 से 12 घंटे के लिए ही ऑक्सिजन उपलब्ध है. एक ट्वीट कर मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली में अधिकतर अस्पतालों में केवल अगले 8 से 12 घंटे के लिए ही ऑक्सिजन उपलब्ध है. हम एक हफ्ते से दिल्ली को ऑक्सिजन सप्लाई कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जोकि केंद्र सरकार को करना है. अगर कल सुबह तक पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में ऑक्सिजन नहीं पहुंची तो हाहाकार मच जाएगा.
ऑक्सीजन की भारी किल्लत
दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी हो रही है. राजधानी में गंभीर ऑक्सीजन संकट बना हुआ है. ऐसे में सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने फिर से केंद्र से आग्रह करता कि कि वह दिल्ली को तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन के कुछ ही घंटे बचे हैं.
ऑक्सीजन सप्लाई की पूर्ति के आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी इनॉक्स को निर्देश देते हुए कहा कि जीएनसीटीडी और दिल्ली के अस्पलात संविदा का सम्मान करें और तुरंत ही ऑक्सीजन की सप्लाई की पूर्ति की जाए. कोर्ट ने कहा था 140 मीट्रिक टन आपूर्ति करें जो दिल्ली के जरूरतमंद अस्पतालों को दी जाएंगी. कोर्ट ने केंद्र को कहा कि विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की जांच करनी चाहिए और इसकी उपचार की आवश्यकता की जांच करनी चाहिए ताकि आक्सीजन को उन क्षेत्रों में भेजा जा सके जहां इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है.