Ujjain: उज्जैन के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में परिजन, मेडिकल स्टाफ और पुलिस के बीच जमकर हुई हाथापाई, एक पुलिसकर्मी घायल

शुक्रवार रात को बंशीलाल का देहांत हो गया था. इसके बाद परिजन उनका पार्थिव शरीर लेने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मृतक के सिर से खून बह रहा था.

कोरोना संकट का दौर चल रहा है. देश एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है लेकिन कुछ लोग हैं कि शर्मनाक हरकतों को छोड़ने का नाम नहीं ले रहे. शनिवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई. यहां एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में किसी बात पर डॉक्टर्स, परिजन और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर हाथापाई हुई. इस घटना में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.

यह पूरा घटनाक्रम उज्जैन के आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज का है. जहां एक शक के चलते बात का बखेड़ा बन गया. इस समय पुलिस और डॉक्टर्स दोनों ही देश में कोरोना के बुरे दौर में सबसे प्रमुख कोरोना वॉरियर्स हैं लेकिन इस तरह की घटनाओं से पूरा देश शर्मसार हो रहा है. घटना को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन ने कहा कि जब यह घटना हुई तब वह यहां नहीं थे लेकिन डॉक्टर्स ने बताया कि पुलिस और परिजनों ने उनके साथ मारपीट की है.

जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला कुछ सवालों को लेकर खड़ा हुआ. दरअसल इस प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एक व्यक्ति एडमिट था. उनका नाम बंशीलाल खंडेलवाल बताया जा रहा है. शुक्रवार रात को बंशीलाल का देहांत हो गया था. इसके बाद परिजन उनका पार्थिव शरीर लेने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मृतक के सिर से खून बह रहा था.

डॉक्टर्स के जवाब से असंतुष्ट थे परिजन

परिजनों ने डॉक्टर्स से इस बारे में सवाल किया कि जब उनकी मौत का कारण कोरोना है तो फिर उनके सिर से खून कैसे बह रहा है. डॉक्टर्स ने कहा कि वह गिर गए थे जिसकी वजह से उनका सिर फट गया था. परिजनों को मेडिकल स्टॉफ की इस बात पर भरोसा नहीं हुआ. धीरे धीरे परिजनों और मेडिकल स्टॉफ के बीच बहस काफी बढ़ गई. माहौल इतना गर्म हो गया कि दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई.

शहर के आलाधिकारी पहुंचे मेडिकल कॉलेज

मामला बढ़ता देख पुलिस को बुलाया गया. जानकारी लगते ही चिमनगंज मंडी पुलिस मौके पर पहुंची और पूरी मामले की जानकारी ली. धीरे धीरे पुलिस और डॉक्टर्स के बीच भी माहौल गरमा गया और दोनों के बीच विवाद खड़ा हो गया. इस बीच किसी ने एक पुलिसकर्मी आशुतोष नागर पर हमला कर दिया. इसके बाद आशुतोष के सिर पर चार टांके लगाए गए. इसके बाद शहर के आलाधिकारी पहुंचे जिनके हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.

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