यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी नेता हाजी र‍ियाज अहमद का कोरोना से निधन, अब तक 5 MLA कोविड के शिकार हुए

यूपी में अब तक 5 विधायकों की कोरोना से मौत हो चुकी है. रमेश चंद्र दिवाकर, सुरेश श्रीवास्तव और केसर सिंह की मौत तो पिछले एक ही हफ्ते के दौरान हुई है.

यूपी में कोरोना संक्रमण ने कहर बरपाया हुआ है. इसका सबूत ये है कि बीते एक हफ्ते में ही तीन विधायक कोरोना संक्रमण का शिकार होकर जान गंवा चुके हैं. अब खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ समाजवादी नेता हाजी र‍ियाज अहमद का गुरुवार सुबह कोरोना संक्रमण के कारण निधन (cabinet minister haji riaz ahmed passed away from Covid) हो गया. हाजी रियाज 69 साल के थे और 24 अप्रैल को कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद से ही अस्पताल में एडमिट थे. मंगलवार को सांस लेने पर दिक्कत होने पर उन्हें बरेली के निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

रियाज अहमद की गिनती सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी सहयोगियों में होती थी. अहमद पीलीभीत से पांच बार व‍िधायक रह चुके थे. वह वर्ष 1980 में संजय विचार मंच पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर सबसे पहले विधायक चुने गए थे. वह वर्ष 2012 में प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार में राज्‍यमंत्री और बाद में कैब‍िनेट मंत्री बनाए गए थे. इससे पहले यूपी विधानसभा के तीन सिटिंग विधायक भी एक ही हफ्ते में कोरोना का शिकार होकर पंचतत्व में विलीन हो गए.

एक हफ्ते में 3 विधायकों की मौत

कोरोना के शिकार हुए विधायकों में रमेश चंद्र दिवाकर, सुरेश श्रीवास्तव और केसर सिंह शामिल हैं. यूपी में अब तक पांच विधायकों की कोरोना संक्रमण से जान जा चुकी है. बीते साल दो मंत्री चेतन चौहान व वरुण रानी भी इसके शिकार हुए थे. यूपी की 17वीं विधानसभा में अब तक एक दर्जन विधायकों की मृत्यु हो चुकी है जिनमें से 5 की मौत कोरोना से हुई है.

इन सभी विधायकों की हुई मौत

कमल रानी घाटमपुर(कानपुर शहर)
चेतन चौहान नौगाँव सादात (अमरोहा)
जगन प्रसाद गर्ग (आगरा),
जन्‍मेजय सिंह (देवरिया)
पारस नाथ यादव मल्हनी(जौनपुर)
मथुरा प्रसाद पाल सिकन्दरा (कानपुर देहात),
रमेश चन्‍द्र दिवाकर(औरैया),
रामकुमार वर्मा पटेल निघासन(खीरी)
लोकेन्‍द्र सिंह नूरपुर(बिजनौर)
वीरेन्‍द्र सिंह सिरोही (बुलंदशहर)
सुरेश कुमार श्रीवास्तव लखनऊ
केसर सिंह बरेली

नहीं होंगे उपचुनाव

बता दें कि विधानसभा में तीन सीटें खाली हुई हैं लेकिन इन पर उपचुनाव होना मुश्किल नज़र आ रहा है. कोविड के चलते पंचायत चुनाव कराने के लिए ही आयोग को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. इसके अलावा अगले साल फरवरी में 18 वीं विधानसभा के लिए चुनाव होना है. अब सिर्फ 9 महीने बचे हैं और उपचुनाव की संभावना न के बराबर है.

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