UP सरकार ने नदियों में शव प्रवाहित करने पर रोक लगाई; केंद्र सरकार ने IIT कानपुर से मांगी रिपोर्ट
गंगा में बड़ी संख्या में शव मिलने और घाट किनारे लाशों के दफन होने की ‘दैनिक भास्कर’ की खबर के चंद घंटों बाद ही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को ही ‘दैनिक भास्कर’ ने ‘UP में गंगा किनारे के 27 जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट’ पब्लिश की थी। इसके बाद से सरकारी अमले में हलचल तेज हो गई। कुछ घंटों में ही सरकार ने सभी जिलों में नदियों में शव प्रभावित करने पर रोक लगा दी।
राज्य सरकार ने किनारों पर पेट्रोलिंग बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया। पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी SDRF और PAC की जल पुलिस को दी गई है। सभी जिलों में इसकी टीमें 24 घंटे लगातार मॉनिटरिंग करेंगी। ये टीमें घाटों के किनारे और नदियों में नाव के जरिए गश्त करेंगी।
उधर, केंद्र सरकार ने IIT कानपुर के एक्सपर्ट प्रो. विनोद तारे को इस मामले की जांच सौंपी है। सरकार जानना चाहती है कि लाशों से गंगा नदी और उससे आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा। प्रो. तारे ने कहा कि ये गलत तरीका है और इसे आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।
लाशों के मिलने का खुलासा किया था
खुलासा किया था कि गंगा किनारे बसे इन 27 जिलों में 2 हजार से ज्यादा लाशों का राज दफन है। कई जिलों में गंगा किनारे लाशें मिली हैं। भास्कर ने सबसे पहले 11 मई को ‘UP में लाशें इतनी कि लकड़ियां कम पड़ने लगीं’ और 12 मई को ‘गंगा के घाट पर 500 मीटर में बिखरे हैं अनगिनत शव’ हेडिंग से खबर चलाई थी।
अब शव प्रवाहित किया तो जुर्माना लगाया जाएगा
राज्य सरकार ने एसडीआरएफ और पुलिस को आदेश दिया है कि अगर कोई जल में शव को प्रवाहित करता दिखता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। नदियों से सटे सभी गांवों और कस्बों के लोगों को भी जागरूक किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार सभी की धार्मिक परंपराओं का सम्मान करती है। मृतकों की सम्मानजनक अंत्येष्टि के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है और लावारिस शव के मामले में भी सम्मानजनक तरीके से धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अंतिम संस्कार कराया जाएगा। किसी भी दशा में धार्मिक परंपरा के नाते शव को नदी में न बहाने दिया जाए।
हर शव के अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार दिए जाएंगे
राज्य सरकार ने नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और ग्राम पंचायत स्तर पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के अंतिम संस्कार के लिए प्रति व्यक्ति 5 हजार रुपए की धनराशि भी स्वीकृत की है। मृतक के परिजन से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।