राजस्थान में कोरोना ने तोड़ी सरकार की कमर! पहली लहर में लिया 49 हजार करोड़ से ज्यादा का लोन, राज्य में हर व्यक्ति पर 51 हजार का कर्ज

कोरोना की पहली लहर के दौरान राजस्थान सरकार ने 47,911 करोड़ का कर्ज रिजर्व बैंक और 1017.44 करोड़ रुपए नाबार्ड से लिए थे.

कोरोनाकाल में सारी व्यवस्थाएं चरमारा गई है. इस दौरान सरकारें भी कर्ज के बोझ तले दब गई है. राजस्थान की गहलोत सरकार (Debt On Rajasthan Government) ने पिछले ढाई साल में करीब 1 लाख करोड़ का कर्ज के लिया है. जिसके बाद राजस्थान पर कुल कर्ज 4 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है. सरकार पर बढ़ते इस कर्ज के बाद राज्य की जनता पर भी इसका बोझ पड़ेगा.

सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक राज्य में हर व्यक्ति पर 51,888 रुपए का कर्ज हो चुका है. यह कर्ज कोरोनाकाल में 1300 रुपए प्रति व्यक्ति बढ़ चुका है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार पूर्व की बीजेपी सरकार के कार्यकाल के आखिरी साल 2018-19 में राजस्थान सरकार पर 3 लाख 11 हजार 373 करोड़ का कर्ज था. राज्य में नई सरकार आने के बाद 2020-21 ये कर्ज बढ़कर 4 लाख 9 हजार करोड़ से ज्यादा हो गया.

रिजर्व बैंक से लिया 47,911 करोड़ का कर्ज

साल 2020 में कोरोना की पहली लहर में अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) सरकार ने तकरीबन 49 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लिया है. ये कर्ज रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India), नाबार्ड (NABARD) और कई अन्य संस्थाओं से लिया गया. कोरोना की पहली लहर के दौरान सरकार ने 47,911 करोड़ का कर्ज रिजर्व बैंक के माध्यम से राज्य विकास बॉन्ड जारी लिया. इसके साथ नाबार्ड से 1017.44 करोड़ रुपए लिए गए. इसके अलावा NCR प्लानिंग बोर्ड से 52.20 करोड़ का कर्ज लिया था.

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