Ramdev vs IMA: आईएमए अध्यक्ष जयलाल बोले- एलोपैथी गलत है तो सरकार इसे बैन कर दे, रामदेव से चर्चा क्यों करें? क्या वे आयुर्वेद के डॉक्टर हैं?

IMA के अध्यक्ष डॉक्टर जयलाल ने साफ़ कहा कि अगर सरकार भी रामदेव से सहमत है तो एलोपैथी से हो रहे इलाज को देश में बैन कर देना चाहिए.

योगगुरु स्वामी रामदेव (Ramdev vs IMA) ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू के जरिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) पर गंभीर आरोप लगाए थे. अब आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल (J.A. Jayalal) ने इन आरोपों का जवाब दिया है. जयलाल ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी बीमारी के खिलाफ किसी इलाज को मान्यता देना सरकार का काम है. अगर सरकार भी रामदेव की बात से सहमत है तो उन्हें देश में एलोपैथी को बैन कर देना चाहिए. उन्होंने साफ़ कहा कि वे नेचुरोपैथी पर किसी भी आयुर्वेदिक डॉक्टर से चर्चा करने के लिए तैयार हैं. साथ ही उन्होंने पूछा कि इस बारे में रामदेव से क्यों बात की जानी चाहिए? क्या वे डॉक्टर हैं?

हिंदी अखबार दैनिक भास्कर से बातचीत में जयलाल ने कहा कि देश में चिकित्सा व्यवस्था का पूरा तंत्र है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR, DCGI जैसे संस्थान हैं जो कि दवाओं और इलाज से जुड़े आखिरी फैसले लेते हैं. रामदेव को एलोपैथी से दिक्कत है तो यहां जाकर शिकायत करनी चाहिए. उन्हें हेल्थ मिनिस्टर या प्रधानमंत्री के पास जाना चाहिए. IMA के दबाव में सरकार एलोपैथी से होने वाले इलाज को मान्ताया नहीं दे रही है. अगर सरकार को लगता है कि रामदेव के आरोप सही हैं तो एलोपैथी से होने वाल इलाज रोक दें और इसे बैन कर दें. अगर सरकार को ऐसा नहीं लगता तो रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज कराएं.

रामदेव से बातचीत का सवाल ही नहीं

रामदेव के 25 सवालों की लिस्ट भेजने पर जयलाल ने कहा कि आखिर वे सवाल उठाने वाले हैं कौन? मैं किसी भी आयुर्वेद के डॉक्टर से चर्चा करने के लिए तैयार हूं. रामदेव तो डॉक्टर हैं नहीं. असल में वे IMA पर जो आरोप लगाते हैं वो इल्जाम उन पर लगे हैं. वे खुद फार्मा कंपनियों के दबाव में ये सब कर रहे हैं. आप खुद देख लीजिये कि देश की सबसे बड़ी फार्मा इंडस्ट्री कौन सी है. रामदेव और उनका पतंजलि ब्रांड ही इस तरह दबाव डालने के लिए मशहूर है. मैं कोविड के इलाज के लिए आयुर्वेद की किसी भी पद्दति पर कमेन्ट करने की स्थिति में नहीं हूं.

महासचिव ने रामदेव को बताया अनपढ़

उधर IMA के महासचिव जयेश लेले ने रामदेव के 25 सवाल भेजने पर कहा- एक अनपढ़ आदमी हमसे सवाल पूछ रहा है.हम जवाब देंगे और विश्व भर से रेफरेंस लेते हुए देंगे, लेकिन उसे नहीं देंगे पूरे देश को देंगे. हम इन जवाबों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे.मजे की बात ये है कि जिन लाइफस्टाइल बीमारियों के नाम रामदेव ने पत्र में लिए, ये सभी नाम भी एलोपैथी से ही आए हैं. उन्हें इन बीमारियों के आयुर्वेदिक नाम तक नहीं पता. रामदेव के 90% कोविड मरीज ठीक करने के दावे पर लेले ने कहा कि अगर उन्होंने ऐसा किया है तो सबूत दिखाएं. हम बता सकते हैं कि देश में अलग-अलग राज्यों में कुल 2.30 करोड़ मरीज एलोपैथिक इलाज से ठीक हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि रामदेव के ऐसे बयान सुनकर लोग वैक्सीन लेने से भी पीछे हट सकते हैं.

 

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