बढ़ सकती हैं बाबा रामदेव की मुसीबतें! मुजफ्फरपुर CJM कोर्ट में देशद्रोह को लेकर परिवाद दायर, 7 जून को सुनवाई

शिकायत में कहा गया है कि बाबा रामदेव में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान का भी मजाक उड़ाया है. इसी के साथ उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम को भी बढ़ावा दिया

योग गुरु स्वामी रामदेव आजकल विवादों से घिरे हुए हैं. एलोपैथिक डॉक्टरों पर की गई टिप्पणी के बाद से आयुर्वेद और एलोपैथी को लेकर भी खुब चर्चाएं हो रही हैं. इसी बीच अब स्वामी रामदेव की दिक्कते बढ़ सकती हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ शिकायत (परिवाद) दर्ज करवाई गई है. मामले में सुनवाई 7 जून को होगी. शिकायत में अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि 21 मई को स्वामी रामदेव ने कई टेलिविजन चैनलों पर एलोपैथी को लेकर गलत टिप्पणियां की और कोरोना से डॉक्टरों की मौत का मजाक भी उड़ाया.

शिकायत में कहा गया है कि बाबा रामदेव में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान का भी मजाक उड़ाया है. इसी के साथ उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम को भी बढ़ावा दिया है. इस शिकायत (परिवाद) को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और सुनवाई के लिए 7 जून की तारीख तय की है.

डॉक्टरों ने मनाया काला दिवस

बाबा रामदेव के एलोपैथी लेकर दिए गए बयानों के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को जगह-जगह डॉक्टरों ने इसको लेकर नाराजगी जताई है. वहीं 1 जून(मंगलवार) को कई जगह रामदेव के बयानों के बावजूद सरकार द्वारा निष्क्रियता दिखाने पर काला दिवस मनाया गया. दिल्ली AIIMS के रेजीडेंट डॉक्टर्स भी बाबा रामदेव के बयान के विरोध में काली पट्टियों के साथ पोस्टर बैनर थामे दिखे. डॉक्टरों की मांग है कि केंद्र सरकार रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे. देशभर में आज बाबा रामदेव के खिलाफ FORDA, IMA और FEMA जैसी संस्थाओं ने भी काला दिवस मनाया.

बिना शर्त माफी मांगे रामदेव

डॉक्टरों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान इस बात का ध्यान रखा गया है कि कोरोना के समय मरीजों को इलाज में दिक्कत ना हो. संघ ने बयान जारी कर रामदेव से ‘सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगने’ को कहा. कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं कुछ दवाओं पर रामदेव द्वारा सवाल उठाने जाने पर विवाद खड़ा हो गया था. रामदेव ने कहा था, कोरोना वायरस के इलाज में एलोपैथी दवाओं के सेवन से लाखों लोगों की जान जा चुकी है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा था पत्र

रामदेव की इन टिप्पणियों का कड़ा विरोध हुआ, जिसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बयान वापस लेने को कहा. रामदेव ने रविवार को मजबूर होकर अपना बयान वापस ले लिया. अगले दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को खुला पत्र लिखकर 25 सवाल पूछे. उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी से बीमारियों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है.

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