सरकार की तरफ से बॉन्ड भरने की चेतावनी जबलपुर मेडिकल कॉलेज (Medical College) द्वारा 468 जूनियर डॉक्टर्स को बर्खास्त करने के बाद दी गई है.
मध्य प्रदेश में हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स (Junior Doctors) अब तक काम पर वापस नहीं लौटे हैं. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी जूनियर डॉक्टर्स वापस नहीं लौटे हैं. अब शिवराज सरकार उन पर एक्शन (Action) लेने के पूरे मूड में है. नियम को मुताबिक मेडिकल सीट छोड़ने वाले जूनियर डॉक्टर्स को 10 से 30 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा. मेडिकल कॉलेजों के सभी डीन को इसे लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं. ये जानकारी मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर की तरफ से दी गई है.
सरकार की तरफ से बॉन्ड (Bond) भरने की चेतावनी जबलपुर मेडिकल कॉलेज द्वारा 468 जूनियर डॉक्टर्स को बर्खास्त करने के बाद दी गई है. मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर निशांत वरवड़े के मुताबिक जो भी मेडिकल स्टूडेंट (Medical Student) तय समय सीमा के बाद सीट छोड़ देता है उसे बॉन्ड भी शर्तों के मुताबिक पैसों का भुगतान करना होता है. उन्होंने बताया कि जिन स्टूडेंट्स का ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में सलेक्शन नीट के जरिए हुआ है, शर्तें न मानने पर बॉन्ड भरना होगा.
डॉक्टर्स को भरना होगा 10 से 30 लाख का बॉन्ड
निशांत वरवड़े के मुताबिक मेडिकल सीट छोड़ने पर जूनियर डॉक्टर्स को 10 लाख और 30 लाख ऑटोनोमस बॉडी को देने होंगे. उन्होंने कहा कि प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेज की सीट छोड़ने पर पूरी फीस का भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि जिन स्टूडेंट्स ने साल 2018 में एडमिशन लिया था उन पर यह नियम लागू होगा.
मंत्री ने की काम पर वापस लौटने की अपील
मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर विश्वास सारंग ने भी जूनियर डॉक्टर्स से काम पर वापस लौटने की अपील की है.उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक डॉक्टर्स को हड़ताल खत्म कर देनी चाहिए साथ ही गठित की गई समित से इस बारे में चर्चा करनी चाहिए.