भोपाल में प्राॅपर्टी की रिकॉर्ड रजिस्ट्री:जून में ही हो गई 60% रजिस्ट्री, रोज 70 करोड़ रुपए की प्राॅपर्टी के हुए सौदे; लोगों ने गाइडलाइन और 2% की छूट का लिया फायदा

भोपाल में जून महीने में ही 6 हजार 650 प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री हो गई। यानी हर रोज एवरेज 221 प्राॅपर्टी के रोज सौदे हुए। यह आंकड़ा साल में हुई कुल रजिस्ट्री का 60% है। इस वित्तीय वर्ष कुल 9950 जमीन-मकान या दुकानों की रजिस्ट्री हुई है। लोगों ने मौजूदा गाइडलाइन और 2% की छूट का खूब फायदा उठाया।

कोरोना संक्रमण के कारण शहर में सबकुछ थम गया था, लेकिन प्रापर्टी की रजिस्ट्री खूब हुई। कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी रजिस्ट्रार ऑफिस खुले रहे और लोगों ने अपने जमीन-मकान या दुकान के सौदे किए। इससे जून में एवरेज 70 करोड़ रुपए के सौदे हर रोज हुए। वहीं प्रतिदिन रजिस्ट्री का एवरेज आंकड़ा 221 रहा। हालांकि, जून के आखिरी सप्ताह में यह आंकड़ा एवरेज 450 रजिस्ट्री के पार ही रहा। आखिरी दिन 30 जून को 463 प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री हुई।

ये दो प्रमुख कारण रहे रजिस्ट्री होने के

  1. 1 जुलाई से कलेक्टर कलेक्टर गाइडलाइन (बाजार दर) बढ़ने की संभावना के चलते लोग रजिस्ट्री कराने रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचे। ताकि उन्हें बढ़ी हुई गाइडलाइन के हिसाब से स्टांप ड्यूटी न चुकाना पड़े।
  2. सरकार ने महिलाओं के नाम से रजिस्ट्री कराने पर स्टांप ड‌्यूटी शुल्क में 2% की छूट दे रखी है। इस कारण लोगों ने मां, पत्नी या बेटी के नाम से प्राॅपर्टी की खरीदी-फरोख्त की।

31 जुलाई तक मौजूदा गाइडलाइन ही लागू

हालांकि, 29 जून को ही सरकार ने 31 जुलाई तक मौजूदा गाइडलाइन को ही लागू रखे रहने के आदेश जारी कर दिए। बता दें कि इससे पहले कमर्शियल टैक्स डिपॉर्टमेंट ने प्रदेशभर में एवरेज 19 से 20% रजिस्ट्री फीस बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव में प्रदेश की 15002 लोकेशन ऐसी हैं, जहां पर 25 से 40% तक प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री की दरें बढ़ाना प्रस्तावित हैं। भोपाल में भी 3200 से अधिक लोकेशन पर दरों में बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। यह गाइडलाइन लागू होती, इससे पहले ही सरकार ने नई गाइडलाइन लागू न करते हुए मौजूदा गाइडलाइन के हिसाब से ही रजिस्ट्री कराने की अवधि 31 जुलाई तक बढ़ा दी।

प्रदेश में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री इंदौर में

bhopal

भोपाल में जून महीने में जमीन-मकान के रिकॉर्ड सौदे हुए। 6 हजार 650 प्रापर्टी की रजिस्ट्री हुई। इस साल कुल 9हजार 950 रजिस्ट्री हो चुकी है। हालांकि, कुल रजिस्ट्री के मामले में इंदौर जिला आगे है। यहां पर 10 हजार 813 रजिस्ट्री हो चुकी है। वहीं उज्जैन में 5 हजार 968, ग्वालियर में 4 हजार 777 एवं जबलपुर में 4 हजार 470 प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री हुई।

सबसे कम रजिस्ट्री डिंडौरी में
जून महीने में प्रदेश में सबसे कम रजिस्ट्री डिंडौरी जिले में हुई। यहां पर 328 प्राॅपर्टी के सौदे हुए। इसी प्रकार मंडला में 676, श्योपुर में 730, उमरिया में 474, आलीराजपुर में 462 एवं अशोक नगर में 465 प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की खरीद-फरोख्त की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *