BJP विधायक राकेश सिंह बघेल के घर 8 घंटे चली CBI की रेड, 5 लाख कैश और रिशु कंस्ट्रक्शन की फाइलें साथ ले गई टीम
रिवर फ्रंट घोटाले में गोरखपुर सहित 3 राज्यों के 40 जगहों पर सोमवार को सीबीआई ने एक साथ रेड की। इस दौरान शाहपुर इलाके के राप्तीनगर स्थित बीजेपी के मेहदावल से विधायक राकेश सिंह बघेल के निवास पर सीबीआई की रेड पूरे 8 घंटे चली। सुबह 8.30 बजे पहुंची सीबीआई टीम ने शाम 4.30 बजे तक घर का चप्पा- चप्पा खंगाला। इस दौरान घर के एक- एक कमरों और घर में मौजूद सभी चीजों की तलाशी ली। इस दौरान शहर भर में हड़कंप मचा रहा।
हालांकि टीम को घोटाले से संबंधित कोई अहम सुराग तो नहीं मिले, लेकिन घर में रखा 5 लाख रुपया कैश सहित रिशु कंस्ट्रक्शन से संबंधित कुछ पुरानी फाइलें टीम अपने साथ ले गई। परिवार के लोग घर में मौजूद रुपयों का सीबीआई को हिसाब नहीं दे सके। हालांकि विधायक का कहना है कि रुपए उनके सबसे छोटे भाई के थे। परिवार के मुताबिक सीबीआई ने आश्वासन दिया है कि, अगर वे बरामद रुपयों का लेखा- जोखा दिखा देंगे तो टीम रुपए वापस कर देगी।
रविवार को ही गोरखपुर आ गई थी सीबीआई
विधायक राकेश सिंह बघेल ने बताया कि सीबीआई की टीम सुबह करीब 8.30 बजे उनके घर पहुंची। टीम में सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन विंग के इंस्पेक्टर रोहित कैथवाल के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम रविवार की शाम ही अपने गोपनीय मिशन में गोरखपुर पहुंच गई थी। रात में रेलवे गेस्ट हाउस में टीम रुकी थी और सोमवार की सुबह करीब 8.30 बजे एक साथ टीम ने छापे की कार्रवाई शुरू की।
3 CBI अफसरों ने दो रेलवे के गवाहों संग की रेड
छापामारी में तीन अफसरों सहित दो गोरखपुर रेलवे के अफसर गवाह के तौर पर मौजूद थे। साथ ही शाहपुर पुलिस भी थी। छापामारी के वक्त घर में विधायक और उनके परिवार के अलावा उनके सबसे छोटे भाई अजय सिंह बघेल और उनका परिवार था। जबकि बीच के भाई रिशु कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर अखिलेश सिंह बघेल यहां नहीं रहते। वे लखनऊ में रहते हैं। हालांकि इस दौरान अखिलेश के लखनऊ स्थित आवास पर भी सीबीआई की रेड हुई।
विधायक के छोटे भाई हैं अखिलेश
संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल के बखिरा के मूल निवासी ठेकेदार अखिलेश सिंह बघेल तीन भाई हैं। उनके बड़े भाई राकेश सिंह बघेल मेंहदावल से भाजपा विधायक हैं। छोटे भाई अजय सिंह बघेल विद्यालय और कोचिंग सेंटर चलाते हैं। गुलरिहा इलाके में उनका एक विद्यालय है जबकि गोलघर में कोचिंग। अखिलेश के पिता मुकुंद सिंह बघेल पीडब्ल्यूडी में जेई पद से रिटायर्ड हैं। गोरखपुर के राप्तीनगर, गणेशपुरम में मकान बनवा कर करीब 30 साल से इनका परिवार रहता है। सभी भाई अभी संयुक्त रूप से ही रहते हैं। सीबीआई छापेमारी में विधायक की भूमिका की पुष्टि नहीं हो पाई है। सीबीआई टीम के अतुल दीक्षित ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। उनका कहना है कि जांच चल रही है।
विधायक के भाई के इन ठिकानों पर भी छापेमारी
विधायक के भाई अखिलेश कुमार सिंह के तीन ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है। इसमें अखिलेश कुमार सिंह का आवास परिसर, मैसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स के संयुक्त उद्यम मोहल्ला गणेशपुरम, राप्ती नगर, गोरखपुर तो है ही इसके अलावा दूसरा आवासीय/आधिकारिक परिसर, मेसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स ज्वाइंट वेंचर डी-1215 स्थित पोस्ट ऑफिस से पहले, इंदिरा नगर, लखनऊ और तीसरा अखिलेश कुमार सिंह, मैसर्स रिशु के मालिक निर्माण अनमोल एसोसिएट्स संयुक्त उद्यम 3/522 विशाल खंड, शहर के पास मॉन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर, लखनऊ में भी छापेमारी बताई जा रही है।
पुरानी चेक बुक सहित अन्य दस्तोवज ले गई CBI
विधायक राकेश सिंह बघेल ने बताया कि लखनऊ के गोमती नगर रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई की टीम उनके आवास पर आई थी। उनके छोटे भाई अखिलेश की रिशु कंट्रक्शन के नाम से फर्म है। फर्म का रजिर्स्ड पता तब गोरखपुर स्थित इसी आवास का दर्ज था। वर्तमान में उनके भाई लखनऊ में रहते हैं। रिवर फ्रंट से लिंक एक कैनाल का अखिलेश ने 2014-15 में काम लिया था। तीन पार्टनर ने मिलकर तीस करोड़ का काम लिया था। करीब दस-दस करोड़ का काम एक-एक लोगों के हिस्से में आया था। काम की गुणवत्ता की जांच हो चुकी है। मनी लांड्रिंग की जांच भी हो चुकी है। ईडी की टीम भी ढाई साल पहले जांच करने आई थी। सीबीआई टीम मुख्य रिवर फ्रंट घोटाले की जांच में आई थी। मुख्य रिवर फ्रंट के हेड से उनके भाई के काम का भुगतान अधिकारियों ने किया था। रिशु फर्म से संबंधित पेपर, गाड़ियों के पेपर, इंश्योरेंस, पुराने चेक व अन्य दस्तावेज जो भी सीबीआई ने मांगा वह उन्हें उपलब्ध करा दिया गया।
CBI के छापे से मचा हड़कंप
गोरखपुर में सीबीआई की दस्तक और बीजेपी विधायक के घर रेड की सूचना पर शहर भर में हड़कंप मच गया। फिलहाल विधायक और उनके परिवार के लोग इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन विंग ने रिवर फ्रंट घोटाले में दर्जनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यूपी में लखनऊ के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा में छापेमारी की गई है।
2017 में दर्ज हुई थी FIR
रिवर फ्रंट घोटाला सपा सरकार में हुआ था जिसमें छापेमारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश में 2017 में भाजपा सरकार आने पर मामले की जांच की बात कही गई थी जिसके बाद से कई अफसरों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मामले में अब फिर से छापेमारी का दौर शुरू हो चुका है। करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है।
सपा शासनकाल में हुआ था घोटाला
सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान लखनऊ में हुए 1500 करोड़ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने अपनी जांच तेज कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है। सोमवार की सुबह सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन टीम गोरखपुर के राप्तीनगर कॉलोनी स्थित विधायक राकेश सिंह बघेल के आवास पहुंची। उनके साथ शाहपुर थाने की पुलिस भी है। विधायक के भाई अखिलेश सिंह की रिशु कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम भी रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़ा है। घोटाले में अब तक 190 से अधिक लोगों के नाम सामने आए हैं।