सरकारी पैसा ठिकाने लगाने की स्कीम:भिंड के लहार कस्बे में नाला निर्माण में चल रही अंधेरगर्दी, नाले की गंदगी और पानी साफ कराए बगैर सीमेंट-कंक्रीट डालकर कराया जा रहा निर्माण कार्य
- नाले की न गहराई बदली ना ही चौड़ाई।
भिंड जिले की लहार कस्बे में स्टेट हाईवे द्वारा नाला का निर्माण कराया जा रहा है। यह नाला निर्माण में खूब अंधेरगर्दी चल रही है। नाला की गहराई व चौड़ाई का मनगढ़ंत हिसाब किताब है। मामला यहीं तक सीमित नहीं है। नाला तोड़ने के बाद निर्माण कराए जाने के दौरान पानी में ही सीमेंट-कंक्रीट को बिछाया जा रहा है। इस तरह सरकारी धन को ठिकाने लगाए जाने की स्कीम चलाई जा रही है।
लहार कस्बे में विश्राम गृह से नया बस स्टैंड तक करीब छह किलोमीटर लंबे नाले का निर्माण कार्य इन दिनों चल रहा है। यह नाला निर्माण का कार्य की स्वीकृति स्टेट हाईवे द्वारा दी गई है। एसकेएस कंपनी द्वारा यह ठेका लिया गया है। गजब की बात तो यह है कि यह नाला को पुराना सही सलामत हालत का नाला तोड़ा गया। जब स्थानीय लोगों ने सही सलामत नाला तोड़ने की वजह निर्माण एजेंसी के इंजीनियरों से पूछा गया तो नाले की गहराई व चौड़ाई बढ़ाने की बात कही गई थी। इसके बाद नाला निर्माण जिन-जिन स्थानों पर कराया गया। उन स्थानों पर नाले को पहले से संकरा कर दिया गया। वहीं नाला निर्माण के दौरान नाले के भरे हुए पानी व गंदगी में ही सीमेंट बिछाकर काम को पूरा कराया जा रहा है।
राजनेताओं के घर के सामने नहीं खोदा नाला
लहार के मुख्य मार्ग पर बीजेपी व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहते है। निर्माण एजेंसी द्वारा नगर के व्यापारियों की दुकानों के सामने नाला निर्माण कराए जाने की बात को कहकर पुराने नाला को तोड़ दिया है। इस तरह पूरे कस्बे की मुख्य सड़क पर मिट्टी के ढेर जगह-जगह लगे हुए है। परंतु लहार पूर्व मंत्री एवं लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह, पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद महंत और प्रदेश कार्य समिति सदस्य एवं भाजपा नेता अम्बरीष शर्मा के निवास के सामने पुराना नाला नहीं तोड़ा गया। इस वजह से स्थानीय लोगों नाला निर्माण में चेहरा देखकर कार्य कराए जाने की आपत्ति दर्ज कराई जा रही है। इधर क्षेत्र जागरूक नागरिकों द्वारा प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को भी एक ज्ञापन देकर नाला निर्माण में चल रहे घालमेल की शिकायत की जा चुकी है।
बारिश से पहले नहीं उठे नाले की मिट्टी
कस्बे में चल रहे निर्माण कार्य की अंधेरगर्दी को स्थानीय प्रशासन के अफसर खुली आंखों से देख रहे है। इस मार्ग से जिले के वरिष्ठ अफसराें का आवागमन हर रोज होता है। वहीं स्थानीय स्तर के अधिकारी भी इस अंधेरगर्दी को लेकर आंखें बंद किए हुए है। कोई भी अधिकारी, नाला निर्माण को लेकर निरीक्षण करने तक नहीं आया। वे हर राेज सड़क पर लगे मिट्टी के ढेर के बीच से जाम में फंसकर आते-जाते है।
डिवाइडर की चौड़ाई अधिक होने से संकरी हुई सड़क
नाला निर्माण के साथ ही कस्बे की सड़क काे संकरा किया जा रहा है। यहां ढाई से तीन फीट चौड़ा डिवाइडर बनाया जा रहा है। इसे सड़की चौड़ाई कम हो रही है। जबकि एक फीट का कस्बे में डिवाइडर बनाए जाने की जरूरत थी। इस डिवाइडर को सड़क के बीचोबीच बनाकर मिट्टी डाली जा रही है। इस तरह पक्की सड़क पर हरियाली लाने की कवायद की जा रही है। निर्माण एजेंसी के इंजीनियरों का कहना है कि इस मिट्टी में पौधों का रोपण करके नगर में हरियाली लाई जाएगी। ढाई फीट ऊंचे डिवाइडर में यह पौधे कितने दिन तक जिंदा रहेंगे। यह सवाल पर पुख्ता कोई जवाब नहीं है। इस सवाल के बचाव में यह इंजीनियर यह कह रहे है कि पानी डाला जाता रहेगा।
स्टेट हाईवे के अफसर कर रहे अनदेखी
इस पूरे मामले की शिकायत स्टेट हाईवे के कार्यपालन यंत्री जीबी मिश्रा को फोटो और वीडियो भेजकर स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत की गई है। इसके बाद भी कोई अफसर जांच करने नहीं आया।
अफसरों को भेजकर जांच कराएंगे
लहार में नाला का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। नाला निर्माण में कोई गड़बड़ी हो रही है ताे एसडीएमम से निरीक्षण कराकर जांच कराई जाएगी।
डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर, भिंड