बाराबंकी हादसे में बड़ा खुलासा:बिना परमिट के 3 राज्यों में दौड़ रही थी डबल डेकर बस; सीवान से हुआ था रजिस्ट्रेशन, अब तक 32 बार हो चुका है चालान
बाराबंकी हादसे में गुरुवार को बड़ा खुलासा है। डबल डेकर बस बिना परमिट के ही तीन राज्यों में दौड़ रही थी। इतना ही नहीं हादसे की शिकार हुई डबल डेकर बस का परमिट फरवरी 2021 में खत्म हो चुका था। यह सड़कों पर बिना परमिट के दौड़ रही थी। बताया गया कि इस बस का 32 बार हो चालान हो चुका है। वहीं बस का रजिस्ट्रेशन रामपुर का था जोकि इसी वर्ष सीवान जिले से हुआ था लेकिन इसके बाद भी बस सड़कों पर बेरोक टोक फर्राटा भर रही थी। ऐसे में साफ है कि अगर किसी भी जिम्मेदार ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाई होती तो एक साथ इतने लोगों की मौत नहीं होती। अब इस मामले की जांच डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद को सौंपी गयी है।
रामपुर से था रजिस्ट्रेशन, अब सीवान से है
डबल डेकर बस का रजिस्ट्रेशन रामपुर का था। जोकि इसी वर्ष सीवान से कराया गया था। इसके बावजूद बस कई राज्यों में दौड़ रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रामपुर में रहने वाले बस मालिक ने बिहार में बस बेच दी थी। साल 2014 में बस का रजिस्ट्रेशन हुआ था। वहीं, अंतरराज्यीय प्राइवेट बसों के संचालन पर प्रतिबंध के बावजूद बस हरियाणा से बिहार जा रही थी। मामले को लेकर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह मामले की जांच के बाद शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।
एआरटीओ की तहरीर पर एनएचएआई के अफसरों पर दर्ज हुआ मुकदमा
बाराबंकी में हुए हादसे के जिम्मेदार एनएचएआई हैं। आरटीओ ने एनएचएआई के अफसरों को हादसे का जिम्मेदार बताया है। मामले में आरटीओ की ओर से गुरुवार को तहरीर दी गई है। जिसके बाद एनएचएआई के अफसरों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। हादसे को लेकर एआरटीओ का कहना है कि बस हाईवे पर घंटों तक खड़ी रही। एनएचएआई ने उसे काफी देर तक नहीं हटाया जिसके चलते इतना बड़ा हादसा हो गया। एआरटीओ ने एनएचएआई के टोल प्लाजा के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं एआरटीओ की तहरीर पर रामसनेहीघाट पुलिस ने एनएचएआई के अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
हादसे में 11 लोगों की मौके पर हुई थी मौत, 7 लोगों ने अस्पताल में तोड़ा था दम
रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र में लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर कल्याणी नदी के पुल पर मंगलवार देर रात भीषण हादसा हुआ था। जिसमें पुल पर खराब खड़ी डबल डेकर बस में लखनऊ की ओर से आ रहे ट्रेलर ने जोरदार टक्कर मार दी थी। इससे बस में सवार और उसके नीचे सो रहे लोग उसकी चपेट में आ गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हादसे में 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि कई लोगों ने जिला अस्पताल ले समय रास्ते में दम तोड़ दिया था। हादसे में अब तक कुल 19 लोगों की जान गई थी। जबकि कई यात्री घायल हुए थे।
घायल ने बतायी थी आपबीती
हरियाणा के कैथल में धान रोपाई का काम करने वाले बिहार के शिवहर के 20 वर्षीय मंटू अपने पिता जोगिंदर के साथ हरियाणा से बिहार लौट रहे थे। कहते हैं कि वे खुद कैसे बच गए पता नहीं? वह दावा करते हैं कि 15-18 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। उनका एक साथी दिलीप का अभी तक कुछ अता पता नहीं है। पिता जोगिंदर के हाथ व पैर में फ्रैक्चर है। वहीं, एक अन्य यात्री भोला कहते हैं कि धान रोपने के काम के लिए अंबाला जाते हैं। हर दिन मजदूरी करीब 600 रुपए मिल जाती है। मैं खुद हादसे के बाद बेहोश हो गया थ। जब होश आया तो यहां अस्पताल में एडमिट था।