UP में ओवरलोडिंग बन रही मौत की वजह:हर साल 20 हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान, फिर भी नहीं लग रही लगाम; पूरे देश में होने वाले हादसों में भी पहले नंबर पर यूपी
सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा देश में सबसे ज्यादा यूपी का है। हर रोज प्रदेश की सड़कें खून से लाल हो रही हैं और इससे सरकार को सालाना औसतन 20 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में हर साल होने वाली कुल मौतों में 14 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं यूपी में हो रही हैं। इसकी वजह ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार को बताया गया है। लेकिन इसकी रोकथाम के लिए विभाग कोई ठोस उपाय अभी तक नहीं तलाश पाया है।
मंगलवार रात बाराबंकी में ट्रक और बस की टक्कर में हुई 18 मौतों की वजह भी ओवरलोडिंग ही सामने आई है। 50 सीटर बस में 100 से ज्यादा लोगों को ठूसकर भरा गया था। हरियाणा से बिहार के लिए निकली बस क्षमता से कई गुना ज्यादा सवारियां लेकर बाराबंकी तक पहुंच गयी लेकिन कहीं भी पुलिस या आरटीओ ने गाड़ी को रोककर चेकिंग नहीं की। सूत्रों का कहना है कि ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां जिस रूट पर चलती हैं उसके हर जिले के आरटीओ और पुलिस का पैसा बंधा होता है। इन गाड़ियों को कहीं भी रोककर चेकिंग नहीं की जाती है।
हादसों में तीसरे और मौतों में पहले नम्बर पर यूपी
सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों के मामलों में यूपी देश मे तीसरे नम्बर पर है। लेकिन इन दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में यूपी का नम्बर पहला है। रिपोर्ट के अनुसार यूपी में पिछले कुछ साल में हुए हादसों में मौत का आंकड़ा औसतन करीब 19 हजार के आसपास रहा है, जो आबादी के अनुपात मे देश में सबसे अधिक है।
मौतों के मामले में दूसरा नंबर महाराष्ट्र और तीसरा नंबर मध्य प्रदेश का है। वहीं, सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल होने वालों की संख्या के मामले में यूपी का तीसरा नंबर है। पहले नंबर पर केरल है। कुल हादसों की बात की जाए तो इसमें भी यूपी देश मे तीसरे नम्बर पर है। देश में होने वाले कुल होने वाले सड़क हादसों में 9.5 फीसदी यूपी में होते हैं। कुल एक्सीडेंट के मामलों में पहला नंबर तमिलनाडु का है।
जान जाने के साथ ही होता है बड़ा आर्थिक नुकसान
मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसों में जान गंवाने वालों के पीड़ित परिवारों के साथ-साथ राज्य को भी नुकसान उठाना पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसे से एक मौत होने पर औसतन करीब 1.10 करोड़ का राजस्व का नुकसान होता है। रोड सेफ्टी एक्सपर्ट डॉ कमल सोई का कहना है कि अस्पताल, एंबुलेंस, ट्रामा सेंटर, इमोशन, ट्रांसपोर्ट, आर्थिक और सामाजिक सभी तरह का नुकसान शामिल होता है। सबसे अधिक मौत यूपी में होने के संबंध में वो बताते हैं कि चूंकि यहां की आबादी सबसे अधिक है, इस वजह से प्रदेश मौत के मामले में नंबर एक पर है। ओवरलोडिंग और गाड़ियों के फिटनेस को भी वो हादसों का बड़ा कारण बताते हैं।
इस साल UP में हुए बड़े हादसे
- 30 जनवरी को मुरादाबाद में ट्रक और बस की टक्कर 10 मौत हुई। हादसे में 10 घायल भी हुए।
- 23 जुलाई को शाहजहांपुर कार ने बाइक और मोपेड में टक्कर मारी, 5 की मौत।
- 10 जून आगरा में बस और टैंकर की टक्कर में 4 लोगों की मौत।
- 27 मई उन्नाव अनियंत्रित कार ने बाइक में टक्कर मारी 5 की मौत।
- 26 मई को लखनऊ के काकोरी में ट्रक ने यात्रियों से खचाखच भरी रोडवेज बस में टक्कर मारी, 6 मौत 8 घायल।
- 2 मार्च कानपुर देहात में कोयला लदा ट्राला पलटा, 6 की मौत।
- 8 जून को कानपुर सचेंडी में टेंपो और डीसीएम की टक्कर, टेंपो में सवार 17 यात्रियों की मौत, कई घायल।
- 16 मई 2020 को औरैया में रोड किनारे खड़ी ट्रेलर में मजदूरों से भरी डीसीएम टकराई 24 मौत 35 से ज्यादा घायल।
वहीं परिवहन आयुक्त धीरज साहू का कहना है की बाराबंकी हादसे की जांच कराई जा रही है। प्रथम दृष्टया ट्रक चालक की गलती सामने आ रही है। ओवरलोडिंग रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। भारी वाहनों में पीछे रिफ्लेक्टर न लगा होना भी रात में दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है। इसके लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। सड़क हादसों को रोकने के लिए और भी रिसर्च हो रहे हैं। हालांकि पिछले कुछ साल के मुकाबले हादसों में काफी कमी आई है।