यूपी चुनाव: 2017 के मुकाबले इस बार 36 फीसदी ज्यादा मुस्लिम विधायक, जानें सदन में कब सबसे अधिक रही इनकी संख्या

2017 के विधानसभा चुनाव में महज 25  मुस्लिम विधायक चुने गए थे। जो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के इतिहास में सबसे कम थे। इस बार इसमें 9 विधायकों का इजाफा हुआ है।

नई विधानसभा में सभी मुस्लिम विधायक सपा गठबंधन के हैं।

यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। भाजपा ने सत्ता में वापसी की है। नई विधानसभा में कई चीजें बदली दिखाई देंगी। इस बार रिकॉर्ड महिला विधायक चुनकर विधानसभा पहुंची हैं। वहीं, मुस्लिम विधायकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। पिछली बार के मुकाबले इस बार 36 फीसदी ज्यादा मुस्लिम विधायक सदन में दिखाई देंगे।

इस बार के चुनाव में किस पार्टी से कितने मुस्लिम विधायक चुने गए हैं? 2017 में किस पार्टी से कितने मुस्लिम विधायक जीते थे? सबसे ज्यादा मुस्लिम विधायक किस विधानसभा चुनाव में जीते थे? इस बार कौन सा मुस्लिम विधायक कहां से जीता है? आइये जानते हैं…

किस पार्टी से कितने मुस्लिम विधायक

नई विधानसभा में 34 मुस्लिम विधायक चुने गए हैं। इनमें से 31 सपा के टिकट पर जीते हैं। बाकी तीन विधायक सपा की सहयोगी पार्टियों रालोद और सुभासपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इन तीन विधायकों में दो रालोद से हैं। वहीं, मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी सुभापसा के टिकट पर जीते हैं।
रालोद-सुभासपा से जीते तीन मुस्लिम विधायक कौन हैं?

रालोद को इस चुनाव में आठ सीटें मिली हैं। उसके दो विधायक मुस्लिम हैं। थाना भवन से रालोद के टिकट पर अशरफ अली जीते हैं। उन्होंने योगी सरकार के मंत्री सुरेश राणा को 10,806 वोट से हराया है। वहीं, सिवालखास से भी रालोद के गुलाम मोहम्मद को जीत मिली है। उन्होंने भाजपा के मनिंदर पाल सिंह को 9 हजार 182 वोट से हराया।

2017 के मुकाबले बढ़े मुस्लिम विधायक

2017 विधानसभा चुनाव में महज 25 मुस्लिम विधायक चुने गए थे। जो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के इतिहास में सबसे कम थे। इस बार इसमें नौ विधायकों का इजाफा हुआ है। सपा ने इस बार पिछली बार के मुकाबले कम मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इसके बावजूद मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत का प्रतिशत इस बार ज्यादा बेहतर रहा। बसपा ने 88, कांग्रेस ने 75 तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी 60 से अधिक मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया था। इनमें से कोई भी जीतने में सफल नहीं रहा। वहीं, सपा के 64 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे जिनमें से 31 जीतने में सफल रहे। यानी, सपा के मुस्लिम 48% से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार जीतने में सफल रहे।

2017 में किस पार्टी से कितने विधायक जीते थे?

 

2017 में कुल 25 मुस्लिम विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इनमें से 17 सपा के टिकट पर जीते थे। वहीं, छह मुस्लिम विधायक बसपा के टिकट पर जीते थे। कानपुर नगर और सहारनपुर से कांग्रेस के दो मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव जीते थे।

क्या 2017 में यूपी के इतिहास में सबसे कम मुस्लिम विधायक विधानसभा पहुंचे थे?

नहीं, 1991 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुस्लिम विधायकों की संख्या 25 से भी कम रह गई थी। 1991 के अलावा 1967 के विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम विधायकों की संख्या 25 से कम थी। 1991 के बाद 2012 तक के विधानसभा चुनावों में हर बार मुस्लिम विधायकों की संख्या पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़ी थी।

सबसे ज्यादा मुस्लिम विधायक किस विधानसभा चुनाव में जीते?

सबसे ज्यादा मुस्लिम विधायक 2012 के विधानसभा चुनाव में जीते थे। तब सपा ने सरकार बनाई थी। अकेले सपा से ही 43 मुस्लिम विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। कुल 68 मुस्लिम विधायकों में 43 सपा, 15 बसपा, चार कांग्रेस, तीन पीस पार्टी, दो कौमी एकता दल और एक इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल से थे।

इस बार कौन सा मुस्लिम विधायक कहां से जीता है?

अमरोहा-महबूब अली, बहेड़ी-अता उर रहमान, बेहट-उमर अली खान, भदोही-जाहिद बेग, भोजीपुरा-शहजिल इस्लाम, बिलारी-मो. फहीम, चमरौआ-नसीर अहमद, डुमरियागंज- सैयदा खातून, गोपालपुर-नफीस अहमद, इसौली-मो. ताहिर खान, कैराना-नाहिद हसन, कानपुर कैंट-मो. हसन, कांठ-कमाल अख्तर, किठौर-शाहिद मंजूर, कुंदरकी-जिया उर रहमान, लखनऊ पश्चिम-अरमान खान, मटेरा-मारिया, मऊ-अब्बास अंसारी, मेरठ-रफीक अंसारी, महमूदाबाद-सुहेब उर्फ मन्नू अंसारी, मुरादाबाद ग्रामीण-मो. नासिर, नजीबाबाद-तस्लीम अहमद, निजामाबाद-आलम बदी, पटियाली-नादिरा सुल्तान, राम नगर-फरीद मो. किदवई, रामपुर-मो. आजम खान, सहारनपुर- आशु मलिक,  संभल-इकबाल महमूद, सिंकदरपुर-जिया उद्दीन रिजवी, सीसामऊ-हाजी इरफान सोलंकी, सिवालखास-गुलाम मोहम्मद, स्वार-मो. अब्दुल्ला आजम, ठाकुरद्वारा-नवाब जान, थानाभवन-अशरफ अली।

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