भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की सख्ती! अधिकारियों समेत 2100 लोग पहुंचे सलाखों के पीछे, 50 PCS अफसरों पर भी कसा शिकंजा

एंटी करप्शन विभाग ने पिछले साढ़े चार साल में करीब 660 मामले निस्तारित किए हैं. जिसमें पुलिस विभाग के 222, दूसरे विभागों के 515 और 50 आम लोगों पर भी भ्रष्टाचार को लेकर कार्यवाही हुई है.

उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार (Corruption in Uttar Pradesh) को लेकर योगी सरकार (Yogi Government) शुरू से सख्त रही है. जिसके तहत सूबे में एंटी करप्शन विभाग (Anti Corruption Department) ने पिछले साढ़े चार साल में छोटे कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक कार्रवाही की है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 30 सरकारी अधिकारियों (Government Officers) को सश्रम जेल भेजा जा चुका है. इसके साथ 35 पुलिस कर्मी (Police Personnel) भी गिरफ्तार किए गए हैं.

योगी सरकार की भ्रष्टाचारके खिलाफ कार्रवाही के तहत करीब 50 पीसीएस अफसर (PCS Officer) शिकंजे में लिए गए, वहीं 2100 से ज्यादा अफसर और कर्मचारी सलाखों के पीछे पहुंचे हैं. वहीं घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तारी के 43 फीसदी मामलों में पैरवी कर सजा भी दिलाई गई है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने 280 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा है. साथ ही 45 लाख नगद रुपए भी बरामद किए. सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में पुलिस कर्मियों पर भी शिकंजा कसा गया है. जिसके तहत रिश्वत लेते रंगे हाथ 35 पुलिस कर्मी और अन्य विभागों के करीब 245 कर्मचारी गिरफ्तार किए गए हैं.

पुलिस विभाग के 222 लोगों पर हुई कार्रवाई

एंटी करप्शन विभाग ने पिछले साढ़े चार साल में करीब 660 मामले निस्तारित किए हैं. जिसमें पुलिस विभाग के 222, दूसरे विभागों के 515 और 50 आम लोगों पर भी भ्रष्टाचार को लेकर कार्यवाही हुई है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पुलिस के 91 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. वहीं 57 के खिलाफ मुकदमे, 38 के खिलाफ विभागीय कार्यवाही और 28 के खिलाफ अभी जांच जारी है.

30 सरकारी अधिकारियों को सश्रम जेल

भ्रष्टाचार के मामलों में 30 सरकारी अधिकारियों को सश्रम कारावास और अर्थदंड मिल चुका है. अभी हाल ही में दो अलग-अलग घटनाओं में एक लेखपाल और एक उप निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने मंगलवार को बलिया और संत कबीर नगर में अलग-अलग मामलों में छापेमारी की.

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