ऑन लाइन के खिलाफ रिटेल कारोबारियों ने शुरू किया अभियान:एक होंगे यूपी के 20 लाख रिटेलर, सभी संगठन सरकार पर दबाव बनाने का शुरू करेंगे अभियान, ट्विटर को बनाएंगे हथियार
ऑन लाइन ई- कॉर्मस कंपनियों के खिलाफ रिटेल सेक्टर से अभियान शुरू कर दिया है। इसमें ट्वीट से लेकर वित्त मंत्री से मिलकर अपनी बात रखना शामिल है। अलग – अलग ट्रेड और व्यापार मंडल इसको लेकर एक मंत्र पर आने की तैयारी में है, जिससे कि लड़ाई को मजबूत किया जा सके। इसमें उप्र के सभी 20 लाख रिटेलर को शामिल करने की बात है। पिछले दिनों कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इसको लेकर ट्विटर पर अभियान भी चलाया था। उससे पहले लखनऊ व्यापार मंडल भी इसको लेकर सीएम को ज्ञापन दे चुका हैं
आरोप है कि ऑनलाइन बिजनेस करने वाली कंपनियां फ्लिपकार्ट और अमेजान एफडीआई के नियमों का खुला उल्लंघन कर रही हैं। इसके पीछे इन कंपनियों का मकसद भारत में गांव तक फैले खुदरा व्यापार को खत्म करने का है। जिसके चलते प्रदेश से लेकर पूरे देश में खुदरा व्यापारी इन ऑनलाइन व्यवसाय करने वाली विदेशी कंपनियों की जांच कराने की मांग कर रहे हैं। इन कंपनियों को व्यापार करने के लिए जहां नियमों में छूट मिलती है,वहीं खुदरा व्यापारियों को सख्त निमयों का पालन करना पड़ता है,जिसका विरोध बीते काफी समय से व्यापारी कर रहे हैं।
ऑन लाइन सिस्टम नहीं कपंनियों का विरोध
ऑल इण्डिया मोबाइल रिटेल एसोसिएशन यूपी चेप्टर के प्रेसिडेंट नीरज जौहर बताते हैं कि हम ऑनलाइन के खिलाफ नहीं है,बल्कि हम ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ हैं ,जो एफडीआई के नियमों का फायदा उठा कर अनैतिक रूप से व्यापार कर रही हैं। इसमें गलत तरीके से व्यापार करने वाली कंपनियों के खिलाफ हैं,हम लोगों को उन कंपनियों के गलत गतिविधियों से एतराज है। आल इण्डिया मोबाइल रिटेल एसोसिएशन (एआईएमआरए) इसका विरोध कर रही है।
![लखनऊ मोबाइल असोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जौहर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/06/new-project-2021-08-06t083228482_1628219705.jpg)
कैट चला रहा पूरे देश में अभियान
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स इसको लेकर पूरे देश में अभियान चला रहा है। इसके यूपी प्रभारी संजय गुप्ता बताते है कि अमेजन व फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां एफडीआई के नियमों का दुरपयोग कर रही हैं,हम लोगों ने भारत सरकार से इसकी जांच की मांग की थी। इसके बाद अमेजन तथा फ्लिपकार्ट कंपनियों की जांच का आदेश हो गया था। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को इन कंपनियों की जांच करनी थी। जांच न हो इसके लिए यह दोनों कंपनियां केरल हाईकोर्ट चली गयी थीं,कंपनियों की अपील को केरल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। बताया जा रहा है अपील खारिज करने के बाद कोर्ट ने कंपनियों से सवाल भी पूंछा था कि जब आप ने कुछ गलत नहीं किया तो जांच से क्यों डर रहे हैं।
![कैट के यूपी प्रभारी संजय गुप्ता](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/06/new-project-2021-08-06t083357849_1628219740.jpg)
हमारी दुकान बंद उनको हर तरह की छूट
दलील है कि कोविड के दौरान केवल आवश्यक वस्तुओं की बिक्री के लिए बाजार खुला था। लेकिन ऑन लाइन में ऐसी कोई नियमावली नहीं थी। ऑन लाइन कंपनियां हर तरह का कारोबार कर रही थी। इसकी वजह हम लोगों की परेशानी बढ़ते जा रही थी। इन कंपनियों के लिए भी नियम होना चाहिए कि केवल आवश्यक वस्तुओं की डिलवरी दे,अनावश्यक वस्तुओं की डिलवरी न दें। नीरज जौहर ने बताया कि इसके लिए प्रदेश सरकार से गुहार भी लगायी गयी थी,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।