बेलगाम घोड़ा है सोशल मीडिया, पेगासस मुद्दे पर विपक्ष का करें मुकाबला’, BJP कार्यकर्ताओं से बोले CM योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि अगर वे सावधान नहीं हुए तो वे मीडिया ट्रायल का शिकार हो सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान में सोशल मीडिया एक “बेलगाम घोड़ा” की तरह है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में बीजेपी आईटी सेल और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस पर लगाम लगाने की तैयारी करें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि अगर वे सावधान नहीं हुए तो वे मीडिया ट्रायल का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि एक विश्लेषण से पता चला है कि उत्तर प्रदेश में हुई एक स्थानीय घटना के लिए सोशल मीडिया ट्रायल अन्य देशों में शुरू हुआ, जबकि उसका राज्य से कोई संबंध नहीं था. पेगासस स्पाइवेयर विवाद का जिक्र करते हुए, योगी आदित्यनाथ ने आईटी सेल के कर्मचारियों से “मुहूर्त” की प्रतीक्षा किए बिना तुरंत विपक्ष के प्रोपोगेंडा का मुकाबला करने का आग्रह किया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मीडिया में संपादक और मालिक थे जो नियंत्रण बना सकते थे. लेकिन सोशल मीडिया अनियंत्रित है. अगर आप सतर्क नहीं रहे और तैयार नहीं हुए तो आप मीडिया ट्रायल का विषय बन जाएंगे.
सोशल मीडिया का हो सकारात्मक इस्तेमाल
उन्होंने आगे कहा, “इसलिए इस बेलगाम घोड़े को नियंत्रित करने के लिए हमारे पास उस प्रकर का प्रशिक्षण और उस प्रसार की तैयारी बहुत अवश्यक है.” सोशल मीडिया के महत्व पर बोले हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया का प्रभावी तरीके से उपयोग करने का आह्वान किया.
साढ़े चार साल में नहीं हुआ एक भी दंगा
राम मंदिर का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहले कहा जाता था कि अगर मंदिर के पक्ष में फैसला आया तो खून की नदियां बहेंगी. मंदिर मसले का समाधान भी हो गया और एक मच्छर तक नही मरा. राज्य में आज कोई भी कैरान बनाने की हिम्मत नहीं करता है. पहले राज्य में आए दिन दंगे होते थे, लेकिन अब साढ़े चार साल में एक भी दंगा नहीं हुआ.
पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा कोविड की दूसरी लहर से निपटने के लिए उनकी सरकार की आलोचना के बारे में, योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हमारे अपने लोग भावनाओं से इतने प्रभावित होते हैं कि वे विपक्ष के कैंडल मार्च में भाग लेते हुए सड़कों पर निकलते दिखाई देते हैं.”