डबरा में सरपंच ने पीड़ितों के फर्जी नाम लिखने के लिए कहा, इनकार करने पर किया हमला; झोपड़ी में छिपकर बचाई जान
बाढ़ की तबाही के बाद सर्वे में आने वाली परेशानियां शुरू हो गई हैं। जो लोग पीड़ित नहीं हैं, वे फर्जी पीड़ित बनने के लिए गांव में पहुंच रही टीमों पर दबाव बना रहे हैं। वे लोग इसके लिए दबंगई भी कर रहे हैं। मामला ग्वालियर की डबरा तहसील का है। यहां पिछोर में सर्वे करने गए एक पटवारी को बात नहीं मानने पर उसे मारने की धमकी दी। इसके अलावा, उसे बंधक बनाने की कोशिश की गई।
पिछोर में अजयगढ़-गजापुर गांव में सर्वे करने पहुंचे पटवारी राहुल आर्य पर सरपंच और उसके साथी पीड़ितों की सूची में उनके मुताबिक नाम दर्ज करने का दबाव बना रहे थे। इनकार करने पर आरोपी पटवारी से अभद्रता करने लगे। इसके बाद पटवारी पर हमला करने की कोशिश की। आरोपियों ने बंदूक लेकर पटवारी को बंधक बनाने की कोशिश की। इसके बाद पटवारी खुद को बचाने के लिए झोपड़ी में घुस गया। इसके बाद गांव के दूसरे लोगों के आने के बाद वो जान बचाकर भागा। पटवारी की शिकायत पर पुलिस ने सरपंच दयाल सिंह परिहार, उसके बेटे परमाल सिंह समेत अन्य साथियों के खिलाफ हमला करने, शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है।
ग्वालियर के गोल पहाड़िया निवासी राहुल आर्य पटवारी हैं। वह डबरा-पिछोर के अजयगढ़-गजापुर गांव के पटवारी हैं। बाढ़ का पानी उतरा और लोग वापस गांव में लौटे हैं, तो पटवारियों के ऊपर तेजी से सर्वे कर उनको राहत राशि के लिए सिफारिश करना है। जान-माल के नुकसान का आंकलन पटवारियों को ही करना है। क्योंकि गांव की जमीन से लेकर लोगों तक का रिकॉर्ड इन पर होता है। यही काम करने राहुल गजापुर-अजयगढ़ पहुंचे थे।
झोपड़ी में छिपकर बचाई जान
पटवारी राहुल आर्य ने हमलावरों से बचने और रिकॉर्ड के दस्तावेज बचाने के लिए एक झोपड़ी में छिपकर जान बचाई, लेकिन हमलावर वहां भी पहुंच गए और बाहर बंदूक लेकर खड़े हो गए। बहुत देर तक पटवारी वहां फंसा रहा। जब गांव के दूसरे लोग एकत्रित हुए तो उनको सुरक्षित बाहर निकाला। पटवारी ने पिछोर थाने में मामले की शिकायत की है।
चुनौती रहेगा सर्वे करना
बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक मदद सर्वे के बाद ही मिलेगी, लेकिन सर्वे के दौरान फर्जी नाम शामिल कराने और सरकार से मदद उठाने के लिए असामाजिक तत्व भी प्रयास करेंगे। इसलिए यह काम चुनौती भरा हो सकता है।