2018 में हुआ था 370 करोड़ के डैम का टेंडर:डैम के लिए 3 साल में भी नहीं मिली जगह बना होता तो टल सकती थी बाढ़ से तबाही

दतिया जिले में 246 एमसीएम क्षमता वाली मां रतनगढ़ परियोजना का डांगडिरोली में डैम का काम यदि शुरू हो जाता तो सिंध नदी में बीते सप्ताह आई बाढ़ के कारण हुई तबाही नहीं होती। इस डैम में नदी का ओवर फ्लो पानी डायवर्ट कर उसके वेग को कम किया जा सकता था, जिससे तीन पुल टूटने से भी बच सकते थे।

इसके साथ ही डेढ़ हजार हेक्टेयर की फसल, लगभग चार सौ पशुधन व सम्पत्ति नष्ट नहीं होती। 370 करोड़ की लागत के इस डैम के लिए टेंडर अक्टूबर 2018 में हो गए थे लेकिन मौके पर आज भी काम शुरू नहीं हो पाया। मामला अभी वन विभाग से मिलने वाली जमीन में ही उलझा हुआ है। इस डैम की परियोजना इसलिए बनाई गई थी क्योंकि इससे ग्वालियर, दतिया, और भिंड जिले के 250 से अधिक गांव की जमीन को सिंचाई का फायदा होना था।

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