350 व्यापारियों को 50-50 साल बाद नोटिस; बकाया दो, वरना रजिस्ट्री अवैध, शहर में 4 हजार से ज्यादा मामलों की नगर निगम कर रहा पड़ताल

  • नोटिस में कहा- यदि बकाया नहीं भरा तो रजिस्ट्री अवैध

टीटी नगर में 1972 में व्यापारी गोविंददास गौड़ ने 260 वर्गमीटर का प्लॉट नगर निगम से नीलामी में खरीदा था। उस वक्त 8500 हजार रुपए रजिस्ट्री शुल्क भी जमा कर दिया था, लेकिन करीब 50 साल बाद नगर निगम के जोनल दफ्तर की तरफ से उन्हें नोटिस दिया गया है कि 52 हजार रुपए अतिरिक्त जमा करना होंगे।

उसके बाद ही उनकी रजिस्ट्री वैध हो पाएगी। ऐसे में गोविंददास के साथ-साथ अब उनके बेटे कमल को भी ये चिंता सता रही है कि इतने दिनों में ऐसा कोई नोटिस नगर निगम ने नहीं दिया। अब अचानक से नोटिस क्यों दिया जा रहा है। 49 साल तक अफसर क्या करते रहे। गोविंददास अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं है, बल्कि निगम ने पहले चरण में ऐसे 350 लोगों को नोटिस देकर बकाया राशि जमा करने की हिदायत दी है। इनमें किसी को 30 तो किसी को 20 साल बाद इस तरह के नोटिस दिए गए हैं।

इधर, पंजीयन विभाग के अफसरों का तर्क है कि निगम में रजिस्टर्ड दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है। इसमें बकाया ड्यूटी निकलने वालों को नोटिस जारी किया जाता है। तय ड्यूटी की राशि जमा करना जरूरी है। पुराने केसों में लोगों ने 100 रुपए के स्टांप रजिस्ट्री के दौरान लगाए थे, जो कम हैं, इसलिए ऐसे लोगों की पहचान कर उनसे वसूली की जाएगी।

32640 रुपए बकाया का नोटिस मिला है…

विमलचंद जैन पत्नी बट्टीलाल जैन निवासी टीटी नगर को भी 32640 रुपए जमा करने का नोटिस मिला है। उन्होंने दुकान के लिए 1972 में प्लॉट लिया था। उनका कहना है कि नोटिस मिलने के बाद नई परेशानी बढ़ गई है।

नोटिस के बाद राशि जमा कर दी है

चंद्रमणि मिश्रा पत्नी कौशल प्रसाद को 4400 रुपए बकाया जमा करने का नोटिस पहुंचा है। उन्हें कहा गया है कि धारा-33 के तहत बकाया राशि जमा की जाए। इसके बाद उन्होंने राशि जमा की।

350 व्यापारियों को नोटिस जारी कर बकाया राशि जमा करने को कहा है।

इन व्यापारियों और मार्केट को नोटिस

टीटी नगर, मेकेनिकल मार्केट छोला रोड, अशोक बिहार, शाहजहांनाबाद, नारियलखेड़ा, जवाहरचौक, नेहरू नगर, नगर निगम कॉलोनी छाेला रोड, कोल एंड टिम्बर मार्केट, अशोका गार्डन, कैटेगराइज मार्केट कबाड़खाना, ईदगाह हिल्स।

नगर निगम के पुराने प्रकरणों का परीक्षण चल रहा है

नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर पुराने केसों का परीक्षण हो रहा है। जिन मामलों में कम स्टांप ड्यूटी ली गई थी, अब उनकी जांच के बाद नए सिरे से नोटिस दिए जा रहे हैं। इस तरह के नोटिस पहले भी दिए गए हैं। -स्वप्नेश शर्मा, जिला पंजीयक आईएसबीटी

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