इंटरनेशनल चॉकलेट-डे आज:दो साल से स्कूल-कोचिंग बंद, घरेलू व्यापार और निर्यात घटने से 50 फीसदी तक रह गया टॉफी का कारोबार

ग्वालियर अपनी टॉफी के लिए देश-विदेश में अलग ही पहचान बनाए हुए है। यहां के पानी की खासियत है कि टॉफी मुलायम बनती है, जिससे हर उम्र के लोगों को यहां की बनी टॉफी पसंद आती है। टॉफी कारोबारियों का कहना है कि कोरोना महामारी से पहले यहां की बनी टॉफी बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सप्लाई होती थीं, लेकिन दो साल से स्कूल बंद होने से इसकी खपत घट गई है।

वर्तमान में 50% काम रह गया है। बात विदेश की करें तो मार्च से अफगानिस्तान से ट्रेड बंद होने से वहां भी सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसी प्रकार श्रीलंका और बांग्लादेश में कोरोना संक्रमण के कारण वहां के बाजार अभी भी उभर नहीं पाए हैं, इसलिए व्यापार प्रभावित हुआ है। वर्तमान में नेपाल, नाइजीरिया सहित अन्य अफ्रीकन देशों में सप्लाई हो रही है।

अब इस बिजनेस को बढ़ाने के लिए कारोबारी नए सिरे से तैयारी कर रहे हैं, इसलिए टॉफियों के शेप और डिजाइन में नए इनोवेशन किए जा रहे हैं। इसमें 12-13 नए फ्लेवर की टॉफियां बनाई जा रही है। खासतौर से सर्दियों को लेकर बेल्जियम और कोकोआ फ्लेवर में टॉफी को बनाया जा रहा है। फ्रूट फ्लेवर्स को कम किया जा रहा है। चूंकि सर्दियों में इनकी डिमांड नहीं रहती है, इसलिए इन सभी प्रयासों से यह उद्योग दोबारा से पटरी पर लौट सकेगा।

यहां के पानी से बनती है मुलायम टॉफी
टॉफी फैक्टरी के ऑनर नरेंद्र रोहिरा ने बताया कि यहां के पानी में टॉफी मुलायम बनाने के गुण हैं, जबकि अन्य शहरों में टॉफी बनाते वक्त इसे मुलायम बनाने के लिए 100 किलो ग्राम कच्चे माल में 10 किलो वसा डालनी पड़ती है। ग्वालियर में केवल 2 किलो वसा में ही काम चल जाता है। इस कारण लागत घट जाती है। यही कारण है कि शहर में छोटी और बड़ी लगभग 25 फैक्टरी हैं।

वैक्सीन से डर हुआ दूर लौट आए मजदूर
कारोबारी दीपक मोटवानी ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पहले कई मजदूर डरे हुए थे, जो घर लौट गए थे। अब अधिकांश लोगों ने वैक्सीन लगवा ली और वह काम पर लौट आए हैं। यहां के टॉफी उद्योगों से स्थानीय स्तर पर लगभग 3 हजार श्रमिकों को रोजगार मिलता है।

मांग घटने से हुआ है कारोबार प्रभावित
कारोबारी प्रकाश का कहना है कि कोरोना के कारण हमें काफी नुकसान हुआ है। इसलिए हम इंदौर अपनी फैक्ट्री शिफ्ट कर रहे हैं। अफगानिस्तान से व्यापार 6 माह से बंद है। यूपी, महाराष्ट्र और बिहार से भी पहले की तुलना में ऑर्डर कम ही आ रहे हैं।

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