शिवराज कैबिनेट के फैसले , 4 स्टेट हाईवे पर फिर लगेगा टोल टैक्स; बैकलॉग पदों पर भर्ती की डेडलाइन एक साल बढ़ी, न्यायिक सेवा के लिए भरना होगा 5 लाख रुपए का बॉन्ड

प्रदेश के 4 राजमार्गों पर एक बार फिर टोल टैक्स लगाने के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार देर शाम हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के 4 राजमार्गों पर टोल टैक्स वसूलने के लिए लोक निर्माण विभाग नए सिरे से एजेंसी तय करेगा। कैबिनेट ने अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं नि:शक्तजनों के बैकलॉग पदों पर भर्ती के लिए चल रहे अभियान की अवधि एक साल बढ़ाने के प्रस्ताव को भी सहमति दी दी है। इसी तरह, न्यायिक सेवा के चयनित उम्मीदवारों से 5 लाख रुपए का बॉन्ड भरवाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

सरकार के प्रवक्ता व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के तहत सागर-दमोह, बीना-खिमलासा-मालथौन, महू-घाटा बिल्लौद और भिंड-मिहोना-गोपालपुरा मार्ग पर टोल टैक्स लगाया था, लेकिन इन्वेस्टर्स ने अनुबंध समाप्ति का अनुरोध किया था। निगम ने दिसंबर 2020 में अनुबंध समाप्त कर दिए। अब इन मार्गों पर नए सिरे से टोल टैक्स लेने के लिए एजेंसी तय करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है।

इसी तरह, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं नि:शक्तजनों के बैकलॉग पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की अवधि एक जुलाई 2021 से 30 जून 2022 तक बढ़ाने पर भी निर्णय लिया गया है। दरअसल, 30 जून 2021 को विशेष भर्ती अभियान की अवधि समाप्त हो चुकी है।

इसके साथ ही न्यायिक सेवा में चयनित अभ्यर्थी को नियुक्ति के समय 3 साल देने संबंधी 5 लाख रुपए का बॉन्ड (बंधपत्र) देना होगा। इसके लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम 2017 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। दरअसल, सरकार उच्च न्यायालय की अनुशंसा पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम 2017 में संशोधन करने जा रही है।

इसके अनुसार पदभार ग्रहण करने के बाद न्यूनतम 3 साल तक सेवा देना अनिवार्य होगा। किसी भी कारण से त्यागपत्र देकर सेवाएं नहीं देने पर बंधपत्र की राशि या 3 माह के वेतन व भत्ते, जो अधिक हो, देय होगी। इस शर्त का उल्लंघन करने पर बॉन्ड की राशि राजसात की जा सकेगी। यदि केंद्र या राज्य सरकार की अनुमति लेकर त्यागपत्र दिया जाता है तो बॉन्ड की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

इन अहम प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
मानसिक चिकित्सालय इंदौर का उन्नयन सेंटर फाॅर एक्सीलेंस के रूप में किया जाएगा। इससे मनोरोग विषय में एमडी की चार, क्लीनिकल साइकोलॉजी में 18 एमफिल, साइकैट्रिक सोशल वर्क में 18 एमफिल और साइकैट्रिक नर्सिंग डिप्लोमा कोर्स की 40 अतिरिक्त सीट प्रारंभ की जा सकेगी। इसके साथ ही महाराजा काॅलेज छतरपुर का सभी संसाधनों सहित महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में संविलियन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

MP में इथेनॉल पॉलिसी लागू होगी
राज्य कैबिनेट ने एथेनॉल पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक प्लांट और मशीनरी में किए गए पूंजी निवेश के 100% से अधिक सीमा और पेट्राेल-तेल के उत्पादनों की इकाईयों के लिए उत्पादित एथेनॉल प्लांट के लिए डेढ़ रुपए प्रति लीटर की वित्तीय सहायता सरकार देगी। इसके साथ ही पंजीयन शुल्क में 100 फीसदी स्टाम्प डयूटी की छूट मिलेगी। वाणिज्य कर उत्पादन के लिए भी विद्युत शुल्क माफ रहेगा। इसके अलावा भी कई छूट एथेनॉल पॉलिसी के माध्यम से दी जाएगी।

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