मप्र के हर ग्रामीण परिवार के पास औसतन 14.28 लाख और शहरी के पास 21.26 लाख रु. की संपत्ति

ऑल इंडिया डेब्ट एंड इन्वेस्टमेंट सर्वे रिपोर्ट….

मध्यप्रदेश के गांवों में रहने वाले हर परिवार के पास औसतन 14.28 लाख रुपए की संपत्तियां हैं। जबकि शहरी परिवारों के पास मौजूद संपत्तियों की औसत कीमत 21.26 लाख रुपए हैं। वहीं कर्ज की बात करें, तो गांव के परिवारों पर औसतन 62 हजार और शहरी पर औसतन 89 हजार रुपए का कर्ज है।

हाल ही में सामने आई ऑल इंडिया डेब्ट एंड इन्वेस्टमेंट सर्वे रिपोर्ट 2019 के मुताबिक असेट वैल्यू के हिसाब से ग्रामीण मध्यप्रदेश देशभर में 21वें स्थान पर तो शहरी मध्यप्रदेश 25वें स्थान पर है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि संपत्ति अर्जित करने के मामले में देशभर में हम कहां खड़े हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण भारत में सर्वाधिक मूल्यवान संपत्तियां हरियाणा के गांव वालों के पास हैं।

वहीं शहरी भारत में सर्वाधिक मूल्यवान संपत्तियां महाराष्ट्र वालों के पास हैं। दोनों की तुलना में मप्र के लोगों के पास संपत्तियां आधी से भी कम हैं। एवरेज असेट वैल्यू की स्टेट रैकिंग वैश्विक मान्यता प्राप्त गिनी कोफिशिएंट फार्मूला के हिसाब से की गई है। एनएसएसओ के मुताबिक यह सर्वे दिसंबर 2019 में किया गया था।

असेट वैल्यूएशन में परिवारों के पास जमीन, मकान, लाइव स्टोक, पोल्ट्री, खेती की मशीनें, भारी उपकरण, गैर कृषि उपकरण, वाहन, कैश डिपोजिट, शेयर की वैल्यू को शामिल किया गया है। किसी भवन में सामूहिक किचन इस्तेमाल करने के लिए सभी सदस्यों को एक हाउसहोल्ड माना गया है।

यहां देश से बेहतर- ग्रामीण बैंक खातों में मप्र का औसत देश से सिर्फ 0.8 % पीछे

बैंक खाताधारकों के मामले में शहरी मप्र की स्थिति राष्ट्रीय औसत से 1.1% बेहतर है। ग्रामीण बैंक खातों के मामले में मप्र राष्ट्रीय औसत से सिर्फ 0.8 फीसदी ही पीछे है। पोस्ट ऑफिस में एकाउंट की संख्या के मामले में प्रदेश के लोगों की खास दिलचस्पी नहीं हैं। सिर्फ 1.3 फीसदी ग्रामीण और 3.7 फीसदी शहरी लोगों ने ही पोस्ट ऑफिस में एकाउंट खोले हैं। वहीं राष्ट्रीय औसत क्रमश: 3.7 और 4.6 है।

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